प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज यानी गुरुवार को वीर बाल दिवस के मौके पर दिल्ली के भारत मंडपम में बच्चों और युवाओं को संबोधित किया। इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि यह एक राष्ट्रव्यापी उत्सव है जिसमें बच्चों को भारत के भविष्य की नींव के रूप में सम्मानित किया जाता है। आज हम तीसरा वीर बाल दिवस का हिस्सा बन रहे हैं। उन्होंने कहा कि तीन साल पहले हमारी सरकार ने वीर साहिबजादों के बलिदान की अमर स्मृति में वीर बाल दिवस मानने शुरूआत की थी। प्रधानमंत्री ने कहा कि मैंने लाल किले से कहा है कि अब बेस्ट ही हमारा स्टैंडर्ड होना चाहिए। मैं अपनी युवा शक्ति से कहूंगा कि वो जिस सेक्टर में हों उसे बेस्ट बनाने के लिए काम करें।
पीएम मोदी ने कहा, "आज हम तीसरे वीर बाल दिवस के आयोजन का हिस्सा बन रहे हैं। तीन साल पहले हमारी सरकार ने वीर साहिबजादों के बलिदान की अमर स्मृति में वीर बाल दिवस मनाने की शुरूआत की थी। अब ये दिन करोड़ों देशवासियों के लिए, पूरे देश के लिए राष्ट्रीय प्रेरणा का पर्व बना है। इस दिन ने भारत के कितने ही बच्चों और युवाओं को अदम्य साहस से भरने का काम किया है।" युवाओं को सशक्त बनाना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, "26 दिसंबर का वो दिन, जब छोटी सी उम्र में हमारे साहिबजादों ने अपने प्राणों की आहुति दे दी। साहिबजादा जोरावर सिंह और साहिबजादा फतेह सिंह की आयु कम थी, लेकिन उनका हौसला आसमान से भी ऊंचा था। साहिबजादों ने मुगल सल्तनत के हर लालच को ठुकराया, हर अत्याचार को सहा। जब उन्हें दीवार में चुनवाने का आदेश दिया गया, तो साहिबजादों ने उसे पूरी वीरता से स्वीकार किया। साहिबजादों ने प्राण देना स्वीकार किया, लेकिन आस्था के पथ से विचलित नहीं हुए, वीर बाल दिवस का ये दिन हमें सिखात है कि चाहे कितनी भी विकट स्थितियां आएं, देश और देशहित से बड़ा कुछ नहीं होता। देश के लिए किया गया हर काम वीरता है।"