महाराष्ट्र के नए मुख्यमंत्री के नाम से अभी तक सस्पेंस खत्म नहीं हुआ है। लेकिन इसी बीच, मुख्यमंत्री के शपथ ग्रहण समारोह की तारीख सामने आ गई है। जानकारी की मानें तो, महायुति की नई सरकार 5 दिसंबर 2024 को शपथ ले सकती है। शपथग्रहण समारोह का भव्य आयोजन आजाद मैदान में किया जाएगा। जबकि, 2 दिसंबर को भाजपा विधायकों की बैठक होगी। जिसमें विधायक दल का नेता चुना जाएगा।
जानकारी की मानें तो , बीजेपी ने सरकार के शपथ ग्रहण की प्रक्रिया शुरू कर दी है। पूरे मामले में प्रदेश अध्यक्ष चन्द्रशेखर बावनकुले खुद सक्रिय हैं। बावनकुले ही विधायकों को शपथ ग्रहण की जानकारी दे रहे हैं। इस समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत बीजेपी के तमाम मुख्यमंत्रियों और अन्य दिग्ग्जों के आने की संभावना है। मीडिया रिपोर्ट की मानें तो, किसको कौन सा मंत्रालय मिलेगा ये तीनों पार्टियों के नेता तय करेंगे और आगे का फॉर्मूला भी तीनों दलों के नेता ही तय करेंगे।
एकनाथ शिंदे ने क्या कहा था ?
एकनाथ शिंदे ने कल प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि, "मैंने हमेशा एक कार्यकर्ता के तौर पर काम किया है। मैंने कभी खुद को मुख्यमंत्री नहीं माना। सीएम का मतलब कॉमन मैन होता है, मैंने यही सोचकर काम किया। हमें लोगों के लिए काम करना चाहिए।"
एकनाथ शिंदे ने आगे कहा कि, "मैंने हमेशा एक कार्यकर्ता के तौर पर काम किया है। मैंने कभी खुद को मुख्यमंत्री नहीं माना। CM का मतलब कॉमन मैन होता है, मैंने यही सोचकर काम किया। हमें लोगों के लिए काम करना चाहिए।" उन्होंने कहा कि, "आज हमारे राज्य में महायुति को जो जीत हासिल हुई। उसके लिए मैं सभी मतादाताओं को धन्यवाद करता हूं। हमने आम जनता के जीवन में बदलाव लाने की कोशिश की। अब हमारी जिम्मेदारी और बढ़ गई है।"
एकनाथ शिंदे ने आगे कहा कि, "केंद्र और राज्य सरकार मिलकर बहुत आगे बढ़ेंगे और निश्चित रूप से महायुति की सरकार स्थापित होगी। कल मैंने पीएम से भी बात की है मैंने कहा कि सरकार बनाने में हमारी तरफ से कोई अड़चन नहीं है। आप निर्णय लीजिए, बीजेपी जो अंतिम निर्णय लेगा उस निर्णय की तामिल हो जाएगी। बीजेपी के वरिष्ठ नेता जो मुख्यमंत्री पद के बारे में निर्णय लेंगे और बीजेपी का जो उम्मीदवार होगा उसको हमारा पूरा समर्थन होगा।"
आपको बता दें कि 288 सदस्यों वाली महाराष्ट्र विधानसभा में महायुति ने 233 सीटों पर जीत हासिल की है, जिसमें बीजेपी की 132 सीटें, शिंदे शिवसेना की 57 सीटें और एनसीपी की 41 सीटें शामिल हैं। बीजेपी ने इस बार चुनाव में 149 उम्मीदवार उतारे थे। जबकि शिवसेना ने 81 और एनसीपी ने 59 उम्मीदवारों को टिकट दिया था। जबकि विपक्षी गठबंधन महाविकास अघाड़ी को सिर्फ 49 सीटें ही मिल सकीं, जिनमें से सबसे ज्यादा उद्धव ठाकरे की शिवसेना (20 सीटें) को मिली। इसके अलावा कांग्रेस 16 सीटें और शरद पवार की एनसीपी 10 सीटें जीतने में सफल रही।