मकर संक्रांति भारतीय संस्कृति का एक महत्वपूर्ण त्योहार है, जिसे देशभर में खास धूमधाम से मनाया जाता है। यह त्योहार विशेष रूप से सूर्य के मकर राशि में प्रवेश करने के दिन मनाया जाता है, जिसे शास्त्रों में बहुत पुण्यकारी माना गया है। इस दिन से सूर्य उत्तरायण होते हैं, और यह समय शुभ होता है। मकर संक्रांति की तिथि हर साल थोड़ी भिन्न होती है, क्योंकि यह सूर्य की गति पर आधारित होती है। तो जानिए तिथि और महत्व।
मकर संक्रांति शुभ मुहूर्त
उदयातिथि के अनुसार इस बार मकर संक्रांति 14 जनवरी 2025 को ही मनाई जाएगी। इस दिन सूर्य सुबह 8.41 बजे मकर राशि में प्रवेश करेगा। हिंदू पंचांग के अनुसार मकर संक्रांति पुण्य काल का समय सुबह 9.03 बजे से शाम 5.46 बजे तक रहेगा और महापुण्य काल का समय सुबह 9.03 बजे से 10.48 बजे तक रहेगा।
मकर संक्रांति पूजन विधि
इस दिन पूजा करने के लिए सूर्योदय से पहले उठकर खुद को साफ कर लें। इसके बाद यदि संभव हो तो पास की किसी पवित्र नदी में स्नान करें। अगर ऐसा करना संभव न हो तो घर पर ही गंगाजल मिलाकर स्नान करें। अगर आप व्रत रखना चाहते हैं तो इस दिन व्रत का संकल्प लें। अगर संभव हो तो इस दिन पीले कपड़े पहनें क्योंकि इस दिन पीले कपड़े पहनना शुभ माना जाता है और फिर सूर्य देव को अर्घ्य दें। इसके बाद सूर्य चालीसा का पाठ करें और आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ अवश्य करें। अंत में आरती करें और गरीबों को दान दें क्योंकि इस दिन दान का विशेष महत्व है।
मकर संक्रांति के दिन करें ये काम
1. मकर संक्रांति के दिन सूर्योदय और सूर्यास्त के समय पूजा-पाठ करें। इसके साथ ही सूर्यदेव को जल भी अर्पित करना चाहिए।
2. मकर संक्रांति के दिन दान देना काफी शुभ माना जाता है इस दिन तिल-गुड़ और खिचड़ी का दान करना अच्छा होता है।
3. मकर संक्रांति के दिन पितरों का तर्पण करना शुभ माना जाता है।
इस दिन तर्पण करने से घर में पितृदोष दूर होता है,साथ ही पूर्वजों की आत्मा को शांति मिलती है।
4. मकर संक्रांति पर पवित्र नदियों में स्नान करने से पापों से मुक्ति मिल जाती है और मोक्ष की प्राप्ति होती है। सबसे उत्तम गंगा स्नान होता है। इस दिन गंगाजल से स्नान करें और घर में भी छिड़काव करें।
मकर संक्रांति पर करें इन चीजों का दान
मकर संक्रांति के दिन दान-पुण्य का विशेष महत्व है। इस दिन काले तिल, खिचड़ी, उड़द की दाल या घी से बनी चीजें दान करें।
देश के अलग अलग हिस्सों में मकर संक्रांति के नाम
मकर संक्रांति का त्योहार नई फसल और नई ऋतु के आगमन का प्रतीक है। अलग-अलग राज्यों में इसे अलग-अलग नामों और अलग-अलग मान्यताओं जैसे लोहड़ी, पोंगल, उत्तरायण, बिहू और घुघूती के साथ मनाया जाता है।