कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व सांसद डॉ. निर्मल खत्री ने रामलला की प्राण प्रतिष्ठा में शामिल होने का ऐलान किया है। अयोध्या विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस के चयनित प्रत्याशी पीसीसी राजेंद्र प्रताप सिंह को भी निमंत्रण पत्र मिला है।
साेशल मीडिया पर उद्गार
डॉ. निर्मल ने सोशल मीडिया पर अपने मन के उद्गार किए हैं, कहते हैं, "राम भक्त होना कोई पाप नहीं है। मुझे इस भक्ति पर गर्व है। मैं धर्म के पाखंड और धर्म की राजनीतिक का विरोधी हूं।" उन्होंने यह भी जताया कि वह अपने जीवन में कोई व्रत रखते नहीं हैं और न ही पूजा पाठ करते हैं।
रामकथा के सन्दर्भ में
रामकथा के पहले रचयिता वाल्मीकि के शब्दों को उद्धारित करते हुए उन्होंने बताया, "रामो विग्रहवान् धर्म:" अर्थात राम धर्म है और धर्म ही राम। उनके अनुसार, जो कुछ भी राम करते हैं, वही धर्म बन जाता है।
डॉ. निर्मल खत्री ने आगे लिखा, "मैं धर्म के पाखंड का और धर्म के सहारे राजनीतिक लाभ लेने के हथकंडे का विरोधी हूं। मैं व्यक्तिगत जीवन में न कोई व्रत रखता हूं और न ही पूजा पाठ। हां रामभक्त हनुमान जी का हृदय में स्थान है व उन्हीं को रोज याद कर अपना प्रत्येक दिन व्यतीत करता हूं।"
तीर्थयात्राओं का सुचना
उन्होंने यह भी जताया कि उन्होंने अपने जीवन में कई तीर्थों पर जाकर प्रणाम किया है, जैसे कि अमरनाथ यात्रा, वैष्णो देवी यात्रा, रामेश्वरम, पुरी जगन्नाथ, नासिक त्रयम्बकेश्वर, काशी विश्वनाथ, श्रीनगर शंकराचार्य मंदिर, बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगौत्री, हरिद्वार, उज्जैन महाकाल, ओंकारेश्वर, द्वारिका, मथुरा, वृंदावन, सोमनाथ मंदिर, विघ्नेश्वर मंदिर, तिरुपति, शिरडी साईबाबा, आदि।
कांग्रेस पार्टी की दिशा
आगे लिखते हुए डॉ. निर्मल खत्री ने कहा कि वह अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के निमंत्रण का सम्मान करते हुए इसमें भाग लेंगे। उन्होंने पार्टी से ऐसा निर्देश नहीं है कि कोई कांग्रेसी इसमें भाग न लें, और सिर्फ सर्वोच्च नेताओं ने ही 22 तारीख के निमंत्रण में आने की असमर्थता व्यक्त की है।
अब तक, प्रदेश कांग्रेस इकाई ने 15 तारीख को अयोध्या यात्रा, सरयू में डुबकी, दर्शन करके 22 के निमंत्रण को स्वीकार करने के लिए प्रेरित किया है। उन्होंने आगे लिखा कि मुझे गर्व है कि मेरे साहसी नेता राहुल गांधी इस देश के लोगों की आवाज बनकर उनकी समस्याओं को उजागर करने और उन्हें यह विश्वास दिलाने कि राहुल गांधी उनके साथ खड़े हैं, एक लंबी यात्रा पर मणिपुर से महाराष्ट्र के लिए निकले हैं।