इनपुट-अंशुमान दुबे, लखनऊ
मंडलायुक्त डॉ रोशन जैकब की अध्यक्षता में ग्राम विकास विभाग/पंचायती राज विभाग/ समाज कल्याण/पिछड़ा वर्ग व दिव्यांग कल्याण विभाग की मंडलीय समीक्षा बैठक स्मार्ट सिटी कार्यालय के सभागार में आहूत किया गया। इस अवसर पर संयुक्त विकास आयुक्त केके सिंह सहित संबंधित अधिकारीगण उपस्थित रहे।
बैठक के दौरान मंडलायुक्त ने पंचायती राज के संबंधित अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि स्वच्छ भारत मिशन के तहत सरकार द्वारा चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं से पात्र लाभार्थियों को शतप्रतिशत आच्छादित किया जाए। साथ ही योजनाओं को लक्ष्य के सापेक्ष प्रगति में तेजी लाया जाना सुनिश्चित किया जाए। वित्तीय वर्ष 2022-23 में ओडीएफ प्लस हेतु चयनित ग्रामों में आरआरसी निर्माण/संचालन लखनऊ में लक्ष्य 41 के सापेक्ष 41 पूर्ण करके संचालित कर दिया गया है।
मंडलायुक्त ने कहा कि विशेष संचारी रोग के दृष्टिगत यह माह बहुत महत्वपूर्ण है। ग्रामीण एरिया में पानी की निकासी, नालियों की साफ सफाई व स्प्रे प्राथमिकता पर कराया जाता रहे। सफाई कर्मचारीयो को ग्रामीण स्तर पर उनके दायित्वो का निर्वहन जिम्मेदारी से करवाये नहीं तो संबंधित के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। समाज कल्याण विभाग की द्वारा संचालित वित्तीय वर्ष 2023-24 मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना, राष्ट्रीय पारिवारिक लाभ योजना, पेंशन योजना में शतप्रतिशत प्रगति पायी गयी। समाज कल्याण विभाग की वित्तीय वर्ष 2024-25 की प्रगति रिपोर्ट में तेजी लाने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री अभ्युदय योजना के अंतर्गत लखनऊ में 11 केंद्र संचालित किया गया हैं। उन्होंने कहा कि कोई भी पात्र व्यक्ति योजनाओं से वंचित न रहने पाए।
दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग के संबधित अधिकारियों द्वारा बताया गया कि विभिन्न श्रेणी के दिव्यांगों को उसकी आवश्यकता के अनुसार रुपया 10000/- की सीमा तक के कृत्रिम अंग/सहायक उपकरण जैसे ट्राई साइकिल, व्हीलचेयर, वाकिंग स्टिक, नेत्रहीन छड़ी, कान की मशीन, बैसाखी आदि निशुल्क प्रदान किया जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि दिव्यांग पेशन योजना के तहत एक भी प्रकरण लंबित न रहे। महिला कल्याण विभाग द्वारा संचालित योजना जैसे पति की मृत्युपरांत निराश्रित महिला पेंशन योजना, मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना, मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना की समीक्षा के दौरान उन्होने कहा कि कन्या सुमंगला योजना से एक भी बच्चा वंचित न रहने पाये। बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ योजना का प्रचार-प्रसार के माध्यम से जागरूक किया जाए। कन्या भूर्ण हत्या को रोकना, शिशु लिंगानुपात को संतुलित रखना व अल्ट्रासाउंड के दौरान भ्रूण लिग निर्धारण की जानकारी देने वाले संबंधित सेंटरों के खिलाफ कार्यवाही की जाये।