जम्मू के एनसीसी प्रशिक्षण अकादमी, नागरोटा में कैडेट्स के समग्र विकास के उद्देश्य से एक विशेष सत्र का आयोजन किया गया, जिसमें आधुनिक समस्याओं के लिए आधुनिक समाधान के रूप में हाइड्रोपोनिक्स पर जानकारी दी गई। इस सत्र का नेतृत्व SKUAST-जम्मू के प्रोफेसर और चीफ साइंटिस्ट डॉ. गुरुदेव चंद ने किया।
उन्होंने कैडेट्स को टेरेस गार्डनिंग के फायदों के बारे में बताया, जो शहरी क्षेत्रों में सीमित जगह की वजह से पारंपरिक खेती का विकल्प बन सकती है। उन्होंने बताया कि कैसे छत पर बनाए गए गार्डन शहरों के कंक्रीट जंगलों में हरियाली लाने के साथ-साथ ताजे फल और सब्जियाँ भी प्रदान कर सकते हैं और भवनों की खूबसूरती में भी इजाफा करते हैं।
डॉ. चंद ने कैडेट्स को हाइड्रोपोनिक्स की दुनिया से परिचित कराया, जो बिना मिट्टी के खेती करने की तकनीक है और आजकल अपने संसाधन संरक्षण और कुशलता के कारण लोकप्रियता हासिल कर रही है। उन्होंने इस तकनीक के जरिए कृषि में क्रांति लाने और खाद्य सुरक्षा को बढ़ाने के संभावनाओं पर चर्चा की। डॉ. चंद ने कैडेट्स को नवाचार को अपनाने और कृषि उत्पादकता में नए रास्ते खोजने के लिए प्रोत्साहित किया।
कैडेट्स ने इस इंटरैक्टिव सत्र में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया और आधुनिक कृषि पद्धतियों और उनके पर्यावरण पर प्रभावों को लेकर गहरी रुचि दिखाई। इसके अतिरिक्त, एक अन्य सत्र में आत्मरक्षा पर व्याख्यान एवं प्रदर्शन का आयोजन किया गया। इसमें 4 जे एंड के बटालियन एनसीसी के एडमिन ऑफिसर, लेफ्टिनेंट कर्नल तजिंदर ने सरल लेकिन प्रभावी तकनीकों को साझा किया, जिन्हें लड़कियाँ और लड़के अपने दैनिक जीवन में सुरक्षा के लिए अपना सकते हैं।
कैडेट्स ने व्यावहारिक सत्र में हिस्सा लिया, जहाँ उन्होंने कई वास्तविक जीवन की स्थितियों पर चर्चा की और उन विभिन्न तकनीकों को सीखा जो ऐसी परिस्थितियों से बाहर निकलने में सहायक हो सकती हैं। उन्होंने आत्मरक्षा की तकनीकों को हाथों-हाथ प्रयोग करके देखा।
दोनों सत्रों ने एनसीसी के इस संकल्प को दोहराया कि वह भविष्य के लिए तैयार युवाओं को तैयार करने के लिए प्रतिबद्ध है, जो आधुनिक समस्याओं का समाधान और नए विचारों को अपनाने के लिए प्रेरित हों।