पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की आज 100वीं जयंती है। इस अवसर पर दिल्ली स्थित उनकी समाधि 'सदैव अटल' पर श्रद्धांजलि कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसमें राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और अन्य कई प्रमुख नेता शामिल हुए। अटल जी का जन्म 25 दिसंबर 1924 को मध्य प्रदेश के ग्वालियर में हुआ था और उनका निधन 16 अगस्त 2018 को हुआ था। वे तीन बार भारत के प्रधानमंत्री रहे और उन्हें 27 मार्च 2015 में भारत रत्न से सम्मानित किया गया था।
प्रधानमंत्री मोदी का श्रद्धा सुमन
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अटल बिहारी वाजपेयी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए एक लेख में उन्हें याद किया। उन्होंने लिखा कि 25 दिसंबर का यह दिन भारतीय राजनीति और जनता के लिए "सुशासन का अटल दिवस" है। प्रधानमंत्री मोदी ने अटल जी के कृतित्व को सराहते हुए कहा कि वे एक महान नेता और प्रेरणास्त्रोत थे, जिन्होंने राजनीति में नैतिकता और सच्चाई का पालन किया। मोदी ने यह भी कहा कि अटल जी ने कभी भी गंदे राजनीतिक खेलों को नहीं अपनाया और 1996 में सरकार से इस्तीफा देना पसंद किया, जब उन्हें बहुमत साबित नहीं कर सके।
अटल बिहारी वाजपेयी: एक महान नेता
अटल बिहारी वाजपेयी भारतीय राजनीति के एक स्तंभ थे। वे पहले गैर-कांग्रेसी प्रधानमंत्री थे जिन्होंने अपना कार्यकाल पूरा किया। 25 दिसंबर 1924 को ग्वालियर में जन्मे अटल जी ने भारतीय जनता पार्टी (भा.ज.पा.) को दशकों तक नेतृत्व किया। इसके साथ ही उन्होंने 1977 से 1979 तक प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई के मंत्रिमंडल में विदेश मंत्री के रूप में भी अपनी सेवा दी।
तीन बार प्रधानमंत्री बने अटल जी
अटल बिहारी वाजपेयी तीन बार भारत के प्रधानमंत्री बने। उनका पहला प्रधानमंत्री कार्यकाल 1996 में सिर्फ 13 दिनों के लिए था, जब वे बहुमत साबित नहीं कर पाए और उन्हें इस्तीफा देना पड़ा। इसके बाद 1998 में वे दूसरी बार प्रधानमंत्री बने, लेकिन सहयोगी पार्टियों के समर्थन वापस लेने के कारण उन्हें 1999 में फिर से चुनाव कराना पड़ा। तीसरी बार 1999 में 13 अक्टूबर को वे प्रधानमंत्री बने और 2004 तक उन्होंने अपना कार्यकाल पूरा किया।