दिल्ली भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने कहा है कि हर साल मानसून से पहले नालों की सफाई का काम किया जाता है, चाहे वह 18 बड़े नाले हों जैसे नजफगढ़ नाला, पूर्वी दिल्ली नाला, बारापुला नाला, दिल्ली गेट नाला आदि, साथ ही अन्य छोटे नाले जिनकी कुल संख्या लगभग 700 है, लेकिन यह देखकर हैरानी होती है कि इस साल ज्यादातर नालों की सफाई नहीं की गई है।
सचदेवा ने कहा है कि इस मानसून में दिल्ली को अब तक के सबसे खराब जलभराव संकट का सामना करना पड़ा है। पहले मानसून की शुरुआत में जलभराव होता था और एक-दो बारिशों के बाद यह सीमित हो जाता था, जिसमें पानी जमा होता था और फिर कुछ घंटों में साफ हो जाता था। लेकिन आज पानी 10 से 12 घंटे तक जमा रहा।
आज दिल्लीवासियों ने किराड़ी, पहाड़गंज, कालकाजी, मुनिरका, महरौली बडार रोड, कोटला मुबारकपुर, संगम विहार, देवली, साकेत, मिंटो ब्रिज, आईटीओ, राजघाट, जहांगीरपुरी, लक्ष्मी नगर, गीता कॉलोनी आदि में अब तक का सबसे बुरा जलभराव देखा। सचदेवा ने कहा है कि यह कहना अतिशयोक्ति नहीं होगा कि अरविंद केजरीवाल सरकार ने अपने ही शराब घोटाले को नालों की सफाई घोटाले से हरा दिया है।
जल बोर्ड, पीडब्ल्यूडी और एमसीडी ने जलभराव संकट को सुलझाने में दिल्लीवासियों को पूरी तरह विफल कर दिया है। दिल्ली भाजपा अध्यक्ष ने एंटी करप्शन ब्यूरो से अनुरोध किया है कि वह तीन विभागों दिल्ली जल बोर्ड, पीडब्ल्यूडी और एमसीडी के नालों की सफाई घोटाले का स्वतः संज्ञान तुरंत ले और जांच प्रारम्भ करे।