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Rangbhari Ekadashi 2025: तीन शुभ योगों के साथ कल मनाई जाएगी रंगभरी एकादशी, विशेष उपायों से प्राप्त करें सफलता और समृद्धि

Amalaki Ekadashi 2025: भगवान विष्णु और भगवान शिव की कृपा पाने का विशेष अवसर है रंगभरी एकादशी, जानिए पूजा के सरल उपाय और इस दिन के महत्व के बारे में।

Ravi Rohan
  • Mar 9 2025 8:58AM

हर साल फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी को रंगभरी एकादशी या आमलकी एकादशी का पर्व बड़े धूमधाम से मनाया जाता है। इसे लेकर एक मान्यता है कि इस दिन भगवान शिव महाशिवरात्रि के बाद माता गौरा को विदा कर काशी लेकर आए थे। इसी कारण काशी में रंगभरी एकादशी पर विशेष उत्सव मनाया जाता है, जिसमें लोग रंग-गुलाल उड़ाते हुए भोलेनाथ और माता पार्वती की झांकी में शामिल होते हैं। यह दिन हिंदू पंचांग के अनुसार वर्ष की आखिरी एकादशी होता है और इसके बाद चैत्र माह से नए वर्ष की शुरुआत होती है।

2025 में रंगभरी एकादशी: तीन शुभ योगों का संयोग

साल 2025 में रंगभरी एकादशी 10 मार्च को मनाई जाएगी, जो विशेष रूप से महत्वपूर्ण है क्योंकि इस दिन तीन शुभ योगों का निर्माण हो रहा है। इन योगों के कारण इस दिन का महत्व दोगुना बढ़ गया है। इस दिन किए गए कुछ सरल उपाय भी जीवन में सकारात्मक परिवर्तन ला सकते हैं।

रवि पुष्य योग और सर्वार्थ सिद्धि योग का शुभ संयोग

रंगभरी एकादशी पर सुबह 6:26 बजे तक रवि पुष्य योग और सर्वार्थ सिद्धि योग रहेगा। इसके बाद रात 11:55 बजे तक रवि योग बना रहेगा। इन शुभ योगों के कारण यह दिन विशेष रूप से लाभकारी और शुभ माना जाएगा। इस दिन भगवान विष्णु, भोलेनाथ और माता पार्वती की पूजा का भी विशेष महत्व है।

रंगभरी एकादशी के दिन पूजा विधि

इस दिन की पूजा का महत्व बहुत अधिक है। पूजा की शुरुआत सुबह जल्दी उठकर स्नान करने से करें। इसके बाद घर के मंदिर में दीप जलाएं। भगवान शिव और माता पार्वती का जल से अभिषेक करें और उन्हें पुष्प अर्पित करें। साथ ही, इस दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा भी करें। यदि संभव हो तो इस दिन व्रत भी रखें।

रंगभरी एकादशी के दिन किए जाने वाले उपाय

भगवान विष्णु के लिए पीले फूलों की माला अर्पित करें: रंगभरी एकादशी के दिन 1 से 21 पीले फूलों की माला बनाकर भगवान विष्णु को अर्पित करें और उन्हें खीर का भोग अर्पित करें, जिसमें तुलसी डाली हो। इस उपाय से व्यक्ति को हर क्षेत्र में सफलता प्राप्त होती है।

पवित्र नदी में स्नान करें: सुख और समृद्धि प्राप्त करने के लिए इस दिन पवित्र नदी में स्नान करें और भगवान विष्णु को आंवले का भोग अर्पित करें।

आंवले के पेड़ पर जल अर्पित करें: कार्यक्षेत्र में उन्नति पाने के लिए आंवले के पेड़ पर जल अर्पित करें और उसके नीचे की मिट्टी को माथे पर तिलक के रूप में लगाएं।

दान का महत्व: यदि आपने व्रत रखा है, तो अगले दिन यानी 11 मार्च को किसी जरूरतमंद को कलश, वस्त्र और आंवले का दान करें। यह आपके जीवन में धन और समृद्धि लाने में सहायक होगा।

रंगभरी एकादशी या आमलकी एकादशी का पर्व विशेष रूप से भगवान शिव, माता पार्वती और भगवान विष्णु के पूजन के लिए महत्व रखता है। इस दिन किए गए धार्मिक उपाय जीवन में सुख, समृद्धि और सफलता को आकर्षित करते हैं। 2025 में तीन शुभ योगों के संयोग से यह दिन और भी खास बन गया है, जिससे इस दिन किए गए कार्यों का फल दोगुना हो सकता है।

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