भारत के चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) जनरल अनिल चौहान ने 15 जनवरी को भारतीय सेना के 77वें आर्मी डे के मौके पर सेना के सभी रैंकों को अपनी शुभकामनाएं दी है। इस विशेष अवसर पर अपने संदेश में जनरल चौहान ने कहा कि यह दिन भारतीय सेना की अपार समर्पण, साहस, अडिग भावना और पेशेवरिज़्म का उत्सव है, जो भारत की सुरक्षा और एकता के लिए एक मजबूत आधार बनी हुई है।
भारतीय सेना की विरासत और पेशेवरिज़्म की सराहना
सीडीएस ने भारतीय सेना की विरासत की सराहना करते हुए कहा कि यह सेना अपनी सशक्तता, संप्रभुता की रक्षा और राष्ट्र सेवा के प्रति अपने निरंतर समर्पण के कारण प्रसिद्ध है। उन्होंने भारतीय सेना के कर्मियों की निरंतर उच्च तैयारियों में बनाए रखने, ऑपरेशनल डोमेनों में उत्कृष्टता प्राप्त करने और नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए किए गए प्रयासों की सराहना की। जनरल चौहान ने इसे अत्यधिक प्रशंसा योग्य बताया।
युद्ध की बदलती प्रकृति और नई प्रौद्योगिकियों का प्रभाव
सीडीएस ने युद्ध की बदलती प्रकृति और तकनीकी विकास पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि आधुनिक युद्ध तेजी से बदल रहे हैं, जो तकनीकी उन्नति और भू-राजनीतिक परिवर्तनों से प्रेरित हैं। युद्ध के नए क्षेत्र जैसे साइबर, अंतरिक्ष और संज्ञानात्मक क्षेत्र अब संघर्षों का हिस्सा बन गए हैं। जनरल चौहान ने कहा कि नई उम्र की तकनीक जैसे कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई), डेटा-सेंटरिक आर्किटेक्चर, स्टेल्थ और हाइपरसोनिक तकनीक, और स्वायत्त वाहनों द्वारा संचालित रोबोटिक्स भविष्य के युद्धों के तरीके को पूरी तरह से बदल रहे हैं।
भविष्य के युद्धों के लिए भारतीय सेना की तैयारियां
उन्होंने कहा कि भविष्य में कोई भी युद्ध पिछले युद्ध जैसा नहीं होगा, और सेना का मुख्य उद्देश्य युद्धों में विजय प्राप्त करना है। जनरल चौहान ने जोर देकर कहा कि भारतीय सेना को अपने सामरिक तरीके, तकनीकी कौशल और प्रक्रियाओं को लगातार अद्यतन करना होगा ताकि वह शत्रु से आगे रहे। साथ ही, सेना के जवानों को उच्च तकनीकी ज्ञान से सशक्त करना और सूचना और संचार प्रौद्योगिकी में सुधार आवश्यक है।
वीर शहीदों को श्रद्धांजलि और राष्ट्र निर्माण के प्रति समर्पण
सीडीएस ने अपने संदेश के अंत में उन वीर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की जिन्होंने देश की सेवा करते हुए सर्वोच्च बलिदान दिया। उन्होंने कहा, "जब हम इस विशेष दिन को मनाते हैं, तो हर सैनिक को यह संकल्प लेना चाहिए कि वे सेना की गौरवमयी परंपराओं को बनाए रखते हुए भविष्य की चुनौतियों का सामना करें।"
आर्मी डे पर राष्ट्र निर्माण के लिए समर्पण का आह्वान
जनरल चौहान ने अपनी बात को समाप्त करते हुए कहा, "आर्मी डे के इस अवसर पर, हम सभी को हमारी मातृभूमि की सेवा में और राष्ट्र निर्माण में भारतीय सेना की अनथक योगदान की सराहना करनी चाहिए।