जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में मंगलवार (22 अप्रैल 2025) को हुए आतंकी हमले के बाद भारतीय सुरक्षा बलों ने आतंकी नेटवर्क पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। इसी कड़ी में पुलवामा और अन्य जिलों में आतंकियों के ठिकानों को निशाना बनाते हुए उनके घरों को ध्वस्त कर दिया गया है। घाटी में सक्रिय लश्कर-ए-तैयबा के सदस्य एहसान अहमद शेख का दो मंजिला मकान सुरक्षा बलों द्वारा विस्फोट कर ध्वस्त कर दिया गया। जो मुर्रान (पुलवामा) में स्थित था
बता दें कि, एहसान अहमद शेख जून 2023 से आतंकी गतिविधियों में संलिप्त था। इसी तरह शोपियां जिले के चोटीपोरा क्षेत्र में शाहिद अहमद का घर भी उड़ा दिया गया, जो दो वर्ष पूर्व इस आतंकी संगठन से जुड़ा था। इस कड़ी में सुरक्षाबलों ने कुल 6 आतंकियों के आसियानों को तबाह किया है। जिनमें आदिल गोजरी (बिजबेहरा), आसिफ शेख (त्राल), अहसान शेख (पुलवामा), शाहिद कुट्टे (शोपियां), ज़ाकिर गनी (कुलगाम), हारिस अहमद (पुलवामा) के नाम शामिल है।
वहीं, शुक्रवार 25 अप्रैल 2025 की रात को कुलगाम जिले के क्विमोह क्षेत्र में ज़ाकिर गनी के मकान को विस्फोट से उड़ाया गया। उसी रात आदिल थोकर के बिजबेहरा स्थित घर को भी सुरक्षा बलों ने विस्फोट से ध्वस्त कर दिया। त्राल में भी आसिफ शेख के मकान पर बुलडोजर चलाया गया। यह सभी ऑपरेशन पहलगाम हमले के बाद की गई है।
मीडिया रिपोर्ट की मानें तो आदिल हुसैन थोकर, जिसे आदिल गुरी के नाम से भी जाना जाता है, ने पहलगाम हमले की योजना तैयार की थी और पाकिस्तानी आतंकियों के साथ मिलकर उसे अंजाम दिया। सुरक्षाबलों ने उनके बिजबेहरा स्थित घर को बम से उड़ा दिया। त्राल के निवासी आसिफ शेख पर भी आतंकियों की सहायता करने का आरोप है।
जानकारी के अनुसार आदिल थोकर ने वर्ष 2018 में अटारी-वाघा सीमा से पाकिस्तान जाकर आतंकवादियों के कैंप में प्रशिक्षण प्राप्त किया था। बाद में वह घाटी लौटा और आतंकी गतिविधियों में शामिल हो गया। हमले के चश्मदीदों ने बताया कि कुछ हमलावर आपस में पश्तो भाषा में बात कर रहे थे, जिससे उनके पाकिस्तानी मूल का संकेत मिलता है।
बता दें कि, पुलवामा के पहलगाम क्षेत्र में हुए इस हमले की जिम्मेदारी 'द रेजिस्टेंस फ्रंट' (TRF) ने ली है, जो लश्कर-ए-तैयबा का ही एक छद्म संगठन माना जाता है। इसका उद्देश्य आतंकी हमलों को स्थानीय विद्रोह की तरह दिखाना होता है।