देश में 'वन नेशन वन इलेक्शन' को आज मोदी कैबिनेट से मंजूरी मिल गई है। एक राष्ट्र एक चुनाव के लिए एक समिति बनाई गई जिसके अध्यक्ष पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द थे। इस पर आज कोविंद ने अपनी रिपोर्ट मोदी कैबिनेट को दी, जिसके बाद इसे सर्वसम्मति से मंजूरी दे दी गई।
हालांकि, अब आगे का सफर आसान नहीं होने वाला है। इसके लिए संवैधानिक संशोधन और राज्यों की मंजूरी भी आवश्यक है, जिसके बाद ही इसे लागू किया जा सकता है।
एक देश एक चुनाव को मोदी कैबिनेट से मंजूरी मिलने के बाद केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि, हाई लेवल कमेटी की सिफारिशें मान ली गई हैं। उन्होंने कहा कि 1951 से 1967 तक देश में एक साथ चुनाव होते रहे। हम अगले महीनों में इस पर आम सहमति बनाने का प्रयास करेंगे।
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि, 'एक देश एक चुनाव' पर समिति ने 191 दिनों तक कार्य किया और 21,558 लोगों से राय ली गई। 80 प्रतिशत लोगों ने प्रस्ताव का समर्थन किया, जिसमें 47 में से 32 राजनीतिक दल भी शामिल थे। कमेटी ने पूर्व मुख्य न्यायाधीशों, उच्च न्यायालयों के मुख्य न्यायाधीशों, चुनाव आयुक्तों और राज्य चुनाव आयुक्तों से भी वार्ता की।
वैष्णव ने कहा कि, 'एक देश एक चुनाव' दो चरणों में लागू किया जाएगा। लोकसभा और विधानसभा चुनाव पहले चरण में एक साथ होंगे। वहीं दूसरे चरण में स्थानीय निकाय (पंचायत व नगर पालिका) के चुनाव होंगे।