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नोएडा प्राधिकरण में अंगद के पैर उखाड़े: कई साल से जमे 6 अफसर सस्पेंड, अभी कई नपेंगे

बता दें कि अगले कुछ दिनों में नोएडा अथॉरिटी में कुछ बड़े बदलाव और सख्त एक्शन लिए जा सकते हैं। इस सख्त कार्रवाई के बाद नोएडा अथॉरिटी में अनुशासन और ट्रांसफर नीति के पालन को लेकर एक कड़ा संदेश गया है।

Rajat Mishra
  • Aug 31 2024 10:57AM

इनपुट- शैलेश कुमार शुक्ला, लखनऊ

 
उत्तर प्रदेश की नोएडा अथॉरिटी में शुक्रवार को एक बड़ा प्रशासनिक कदम उठाते हुए 6 अधिकारियों और कर्मचारियों को सस्पेंड कर दिया गया है। औद्योगिक विकास प्रमुख सचिव अनिल सागर द्वारा जारी किए गए इस सस्पेंशन आदेश से विभाग में हलचल मच गई है। बता दें कि अगले कुछ दिनों में नोएडा अथॉरिटी में कुछ बड़े बदलाव और सख्त एक्शन लिए जा सकते हैं। इस सख्त कार्रवाई के बाद नोएडा अथॉरिटी में अनुशासन और ट्रांसफर नीति के पालन को लेकर एक कड़ा संदेश गया है।
 
सस्पेंड किए गए अधिकारी-
 
यह कार्रवाई उत्तर प्रदेश औद्योगिक विकास विभाग द्वारा की गई, जिसमें बताया गया कि ट्रांसफर के आदेशों के बावजूद नोएडा अथॉरिटी से रिलीव नहीं हो रहे थे। इन सभी ने अथॉरिटी से खुद को रिलीव करने के लिए कोई पत्र भी नहीं सौंपा था, जिससे विभाग की ओर से यह कड़ा कदम उठाया गया। सस्पेंड होने वाले अधिकारी में सहायक विधि अधिकारी नरदेव, प्रबंधक प्लानिंग यूएस फारूकी निजी सचिव विजेंद्र पाल सिंह कोमर, लेखाकार प्रमोद कुमार, सहायक विधि अधिकारी सुशील भाटी और प्रबंधक प्लानिंग सुमित ग्रोवर सस्पेंड शामिल है। कुल मिलकर ये सभी नोएडा में मलाईदार पद पर तैनात थे। 
 
मंत्री की चेतावनी के बावजूद नहीं माने अधिकारी-
 
इस मामले में औद्योगिक विकास मंत्री नंद गोपाल गुप्ता 'नंदी' ने हाल ही में एक समीक्षा बैठक के दौरान इन अधिकारियों की कार्यप्रणाली पर नाराज़गी जताई थी। उन्होंने स्पष्ट चेतावनी दी थी कि ट्रांसफर के बावजूद अगर अधिकारी और कर्मचारी अपनी नई तैनाती की जगह पर नहीं जाते हैं, तो उन्हें सस्पेंड कर दिया जाएगा। बावजूद इसके, इन अधिकारियों ने मंत्री की चेतावनी को गंभीरता से नहीं लिया, जिससे अंतत यह सख्त कदम उठाया गया।
 
और भी अधिकारी हो सकते हैं सस्पेंड-
 
सूत्रों की माने तो, यह कार्रवाई सिर्फ 6 अधिकारियों और कर्मचारियों तक सीमित नहीं है। विभागीय जांच में और भी अधिकारी संदेह के घेरे में हैं, जो ट्रांसफर के बावजूद अपनी जगह छोड़ने को तैयार नहीं थे। इस मामले में कुल 14 अधिकारियों की पहचान की गई है, जिन पर आगे और कार्रवाई हो सकती है। इन सभी अधिकारियों की पत्रावली मंगवाकर जांच की जा रही है और अगले कुछ दिनों में और भी सस्पेंशन के आदेश जारी हो सकते हैं।

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