धर्म योद्धा श्री सुरेश चव्हाणके जी अभी महाराष्ट्र के दौरें पर है. उन्होंने घुसपैठिया मुक्त महाराष्ट्र एक बड़ी मुहिम छेड़ रखी है. इस अभियान को सकल हिंदू समाज की ओर से जमकर समर्थन और सराहना मिल रही है. इस दौरान आज यानी शुक्रवार को शिव प्रेरणा यात्रा वर्धा पहुंचे है. इसी बीच सुरेश चव्हाणके जी ने बीच रास्ते में अपने काफिला रोक कर खेतों में हल चलाया.
जानकारी के लिए बता दें कि इन दिनों शिव प्रेरणा यात्रा महाराष्ट्र के कई जिलों से हो कर गुजरी है.धर्म योद्धा श्री सुरेश चव्हाणके जी ने इस अभियान के तहत लगातार हिंदुओं से देशभर में चल रहा लैड जिहाद, लव जिहाद के साथ सबसे बड़ा मुद्दा जो महाराष्ट्र के लिए है घुसपैठिया से मुक्त करने के लिए लोगों से अपील कर रहे है. इसी बीच आज यानी शुक्रवार को वर्धा जाने के दौरान धर्म योद्धा श्री सुरेश चव्हाणके जी ने बीच रास्ते में अपना काफिला रोक कर खोतो में हल चलाया है साथ ही किसानों से उनकी समस्याएं भी सुनी है.
इससे पहले सुरेश चव्हाणके जी ने कहा था कि यह चुनाव सिर्फ वोटों का नहीं, हिंदुत्व के अस्तित्व का है. क्या आप अफगानिस्तान की तरह लोकतंत्र के बिना रहना चाहते हैं या भारत के लोकतंत्र को बचाना चाहते हैं? फैसला स्वयं लें. चुनाव महत्वपूर्ण नहीं, असली लड़ाई हिंदुत्व की रक्षा की है!"
उन्होंने कहा था कि घुसपैठियों ने भारत की जमीन और संसाधनों पर कब्जा कर लिया है. महाराष्ट्र में 1.37 करोड़ एकड़ जमीन पर 1 करोड़ घुसपैठियों का कब्जा है! ये लोग न सिर्फ देश की सुरक्षा को खतरे में डाल रहे हैं, बल्कि हमारे मेहनत के पैसों पर ऐश कर रहे हैं. अगर इन्हें बाहर निकाला जाए, तो 10-12 लाख घर खाली होंगे, जो महाराष्ट्र के गरीबों को दिए जा सकते हैं. हमारी जमीन, हमारे घर, और हमारा हक वापस पाने का वक्त आ गया है.
वहीं, महाराष्ट्र के सोलापुर में सुरेश चव्हाणके जी ने राष्ट्रीय सुरक्षा के सवाल उठाते हुए कहा था कि अगर हम अपने घर की रक्षा करते हैं, तो देश की क्यों नहीं? NRC सिर्फ एक कानून नहीं, बल्कि भारत को घुसपैठियों से मुक्त कराने का एक हथियार है! महाराष्ट्र की उस मराठा भूमि से एक आवाज़ उठी जिसने अटक से कटक तक भगवा लहराया था, अब उसी शक्ति ने घुसपैठियों को खदेड़ने की ठान ली है. उन्होंने आगे कहा कि ये सिर्फ चुनावी मुद्दे नहीं हैं, यह मातृभूमि की रक्षा की लड़ाई है. उपस्थित जनता के भीतर जोश जागते हुए, राज्य और राष्ट्र की सुरक्षा के प्रति जागरूक करते हुए धर्म योद्धा श्री सुरेश चव्हाणके जी ने कहा था कि "जागो, एनआरसी तभी आएगा, वरना हमारे पुरखों का बलिदान व्यर्थ जाएगा."