इनपुट-अंशुमान दुबे, लखनऊ
भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस), लखनऊ ब्रांच ऑफिस ने सोमवार को होटल हयात रीजेंसी में धूमधाम से अपना 78वाँ स्थापना दिवस मनाया। इस कार्यक्रम में उद्योग जगत, शिक्षाविदों, उपभोक्ता संगठनों और मीडिया के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। कार्यक्रम का उद्देश्य बीआईएस की उपलब्धियों का उत्सव मनाना और भविष्य की पहलों पर चर्चा करना था।
बीआईएस के शाखा प्रमुख सुधीर बिश्नोई ने कार्यक्रम की शुरुआत करते हुए कहा, “बीआईएस, भारत सरकार के उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय के अंतर्गत कार्यरत एक वैधानिक निकाय है। यह उपभोक्ताओं और उद्योगों दोनों के हित में कार्य करता है। गुणवत्ता मानकों को बढ़ावा देने के लिए बीआईएस उत्पाद प्रमाणन, प्रबंधन प्रणाली प्रमाणन, हॉलमार्किंग और प्रयोगशाला सेवाओं के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान दे रहा है।” उन्होंने यह भी बताया कि बीआईएस ने हाल के वर्षों में 'मेक इन इंडिया' और 'आत्मनिर्भर भारत' के विज़न को साकार करने में अपनी भूमिका को और अधिक सशक्त बनाया है।
उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक ने अपने संबोधन में कहा, “बीआईएस ने पिछले 78 वर्षों में देश के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। मानकों के निर्माण और उनके अनुपालन ने न केवल उपभोक्ता विश्वास को बढ़ाया है बल्कि उद्योगों को वैश्विक प्रतिस्पर्धा में खड़ा किया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत और मेक इन इंडिया के विज़न को साकार करने में बीआईएस का योगदान अतुलनीय है। मैं उद्योग जगत से आग्रह करता हूँ कि वे अपने उत्पादों की गुणवत्ता को बनाए रखने के लिए बीआईएस के मानकों का पूरी तरह पालन करें। यह न केवल उत्पादों की विश्वसनीयता बढ़ाएगा बल्कि भारतीय उद्योगों को अंतरराष्ट्रीय मंच पर एक नई पहचान देगा।”
लखनऊ के जिलाधिकारी सूर्य पाल गंगवार ने कहा, “बीआईएस की भूमिका केवल उपभोक्ताओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने तक सीमित नहीं है, बल्कि यह उद्योगों और उद्यमियों को अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप उत्पाद तैयार करने में भी मदद करता है। जिला प्रशासन बीआईएस के जागरूकता अभियानों का समर्थन करता है और इन्हें ग्रामीण और दूरदराज के क्षेत्रों तक ले जाने में पूरा सहयोग प्रदान करेगा। मैं बीआईएस के प्रयासों की सराहना करता हूँ, जो पर्यावरण संरक्षण और सतत विकास लक्ष्यों को बढ़ावा देने के लिए भी सक्रिय रूप से काम कर रहा है।”
शिक्षाविदों और उद्योग विशेषज्ञों का दृष्टिकोण
आईआईटी कानपुर के प्रोफेसर एम जे अख्तर ने मानकीकरण की महत्ता पर जोर देते हुए कहा, “मानकीकरण का महत्व सिर्फ उद्योगों तक सीमित नहीं रहना चाहिए। हमें इसे बच्चों और शिक्षण संस्थानों तक ले जाने की आवश्यकता है। रिसर्च और डेवलपमेंट के हर क्षेत्र में मानकों का पालन करना आवश्यक है, ताकि नवाचार और गुणवत्ता के बीच संतुलन बना रहे।”
कार्यक्रम में बिरला, आरसीसी पीएल, अल्ट्राटेक, सुप्रीम इंडस्ट्रीज जैसे प्रतिष्ठित संगठनों के प्रतिनिधि उपस्थित रहे। प्रमुख प्रतिभागियों में गोण्डा इंजीनियरिंग कॉलेज से गोविंद पाण्डेय, पॉलिटेक्निक लखनऊ से राजीव कुमार, एसोचैम से डीके मिश्रा, प्रोफेसर डीके गुप्ता, साइंटिस्ट सी सुयश पाण्डेय और जॉइंट डायरेक्टर चन्द्रकेश सिंह उपस्थित रहे।