हर साल आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से शारदीय नवरात्रि की शुरुआत होती है। इससे पहले पितृ पक्ष चलता है। पितृ पक्ष समाप्त होते ही देवी पक्ष की शुरूआत हो जाता है। पौराणिक कथा की मानें तो, नवरात्रि के दौरान माता रानी पूरे 10 दिनों के लिए धरती पर आती है। इस दौरान श्रद्धालु माता रानी का व्रत रखते है और पूरे विधि-विधान से दुर्गा माता की पूजा करते है। ऐसे में आइए जातने है कि इस साल कब से शुरू होगी नवरात्रि और कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त।
इस दिन से शारदीय नवरात्रि शुरू
शारदीय नवरात्रि हर साल आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से शुरू होती है। वहीं, यह पर्व दशमी तिथि को समाप्त होता है। इस वर्ष भी आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि 3 अक्टूबर को सुबह 12:19 बजे से प्रारंभ होगी। वहीं, यह तिथि 4 अक्टूबर को सुबह 2:58 बजे समाप्त होगी। ऐसे में उदयातिथि के अनुसार इस वर्ष नवरात्रि 3 अक्टूबर से प्रारंभ होकर 12 अक्टूबर को समाप्त होगी। नवरात्रि के पहले दिन कलशस्थापना के लिए सुबह 06.15 से सुबह 07.22 तक शुभ मुहूर्त बन रहा है। शारदीय नवरात्रि में महाष्टमी, दुर्गानवमी का दिन सबसे प्रभावशाली माना जाता है। इस बार नवरात्रि में अष्टमी 11 अक्टूबर को है तो महानवमी 12 अक्टूबर 2024 को रहेगी।
बता दें कि, इस साल शारदीय नवरात्रि में मां दुर्गा की सवारी पालकी होगी। क्योंकि इस साल नवरात्रि गुरुवार से शुरू हो रही है। पौराणिक कथा की मानें तो गुरुवार से नवरात्रि का आरंभ हो तो माता का पृथ्वी पर आगमन पालकी से होता है। शारदीय नवरात्रि में 9 देवियां को पूजा जाता है। जिसमें पहले दिन मां शैलपुत्री, दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी, तीसरे दिन मां चन्द्रघण्टा, चौथे दिन मां कूष्माण्डा, पांचवे दिन मां स्कन्दमाता, छठे दिन मां कात्यायनी, आठवें दिन मां कालरात्रि, नवें दिन मां महागौरी, वहीं दसवें दिन मां सिद्धिदात्री की आराधना की जाती है।
कलश स्थापना मुहूर्त 2024
इस साल नवरात्रि 3 अक्तूबर से शुरू हो रही है तो कलश स्थापना भी 3 अक्तूबर को ही किया जाएगा। इस दिन घटस्थापना का शुभ मुहूर्त सुबह 6 बजकर 15 मिनट से लेकर 7 बजकर 22 मिनट तक रहेगा। वहीं अभिजीत मुहूर्त सुबह 11 बजकर 46 मिनट से दोपहर 12 बजकर 33 मिनट तक रहने वाला है। आप इन दोनों में से किसी भी मुहूर्त में कलश स्थापना कर सकते हैं।
कलश स्थापना का महत्व
नवरात्रि के दौरान कलश स्थापना का विशेष महत्व होता है। नवरात्रि के पहले दिन कलश स्थापना की जाती है। इसके बाद नवरात्रि की पूजा शुरू हो जाती है और पूरे नौ दिनों तक मां के अलग-अलग स्वरूपों की पूजा की जाती है। शास्त्रों के अनुसार घर में कलश स्थापित करने से घर में सुख-समृद्धि और शांति आती है। साथ ही माता रानी भी प्रसन्न होती हैं। कलश स्थापना करने से नवरात्रि की पूजा पूरी मानी जाती है।