भारतीय सेना की गजराज कोर ने नुरानांग डे 2024 के मौके पर अरुणाचल प्रदेश के जसवंतगढ़ में 17 नवंबर 1962 के नुरानांग युद्ध में 4 गढ़वाल राइफल्स के अदम्य साहस और बलिदान को याद किया।
यह दिन राइफलमैन जसवंत सिंह रावत (महावीर चक्र) और उनके वीर साथियों के शौर्य को सलाम करने के लिए समर्पित है, जिन्होंने भारत-चीन युद्ध में असाधारण वीरता का परिचय दिया।
मुख्य कार्यक्रम
जसवंतगढ़ वॉर मेमोरियल में श्रद्धांजलि समारोह से दिन की शुरुआत हुई। इस कार्यक्रम में राइफलमैन जसवंत सिंह रावत के परिवार, नागरिक अधिकारियों, पूर्व सैनिकों, छात्रों, पर्यटकों, और 300 से अधिक प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया। एडिशनल डिविजनल कमिश्नर हक्रासो क्रि (जंग) भी इस अवसर पर मौजूद रहे।
कार्यक्रम की मुख्य झलकियां:
1. स्मृति स्थल का उद्घाटन: राष्ट्रीय नायकों के साहस को समर्पित नवीनतम स्मारक में युद्ध से जुड़ी वस्तुएं और प्रदर्शनी लगाई गई।
2. युद्ध की झलकियां: नुरानांग युद्ध का जीवंत प्रदर्शन, जिसमें भारतीय सैनिकों की अदम्य वीरता को दिखाया गया।
3. सांस्कृतिक प्रस्तुतियां: स्थानीय स्कूलों के छात्रों द्वारा पारंपरिक नृत्य और सेना की सेला ब्रिगेड के योद्धाओं द्वारा भंगड़ा और गतका प्रदर्शन, जो "विविधता में एकता" का संदेश देते हैं।
पूर्व-कार्यक्रम गतिविधियां
नुरानांग डे से पहले, सेला ब्रिगेड ने कई सामुदायिक गतिविधियों का आयोजन किया:
पूर्व सैनिक और गांव प्रमुख बैठक (9 नवंबर): पूर्व सैनिकों के योगदान को मान्यता देने और उनकी समस्याओं पर चर्चा का अवसर।
पेंटिंग और भाषण प्रतियोगिता (11 नवंबर): स्थानीय स्कूलों में आयोजित, जिससे अरुणाचल प्रदेश के युवाओं की देशभक्ति और रचनात्मकता सामने आई।
निःशुल्क चिकित्सा शिविर (14 नवंबर): 76 से अधिक नागरिकों को आंख, दांत और सामान्य स्वास्थ्य की जांच की सुविधा दी गई।
राइड फॉर रिमेम्ब्रेंस (16 नवंबर): अरुणाचल बुलेट क्लब के 13 राइडर्स ने 400 किलोमीटर का सफर तय किया। उन्होंने कामेंग क्षेत्र के युद्ध स्मारकों का दौरा किया और देशभक्ति का संदेश दिया। बाइकर्स ने न्युकमाडुंग, जसवंतगढ़ वॉर मेमोरियल, मागो और चुमी ग्यातसे (होली वॉटर फॉल) का दौरा किया।
वीरों की विरासत को सहेजने का संकल्प
नुरानांग डे 2024 ने अरुणाचल प्रदेश के लोगों, भारतीय सेना और राज्य प्रशासन के बीच भारत के युद्ध नायकों की विरासत को सम्मानित करने के सामूहिक संकल्प को प्रदर्शित किया।
कार्यक्रम समापन राइफलमैन जसवंत सिंह रावत के परिवार और पूर्व सैनिकों के सम्मान के साथ हुआ, जिसमें उनके बलिदानों के प्रति देश की कृतज्ञता व्यक्त की गई।
नुरानांग डे 2024 भारत की सशस्त्र सेनाओं के साहस और एकता की याद दिलाता है और नागरिकों को बलिदान और सेवा के मूल्यों को बनाए रखने के लिए प्रेरित करता है।