हिंदू धर्म में भगवान विश्वकर्मा को विश्व पहला अभियंता यानी इंजीनियर माना जाता है. भगवान विश्वकर्मा भगवान ब्रह्मा के 7वें पुत्र हैं. जिन्होंने ब्रह्माण्ड बनाने में भगवान ब्रह्मा की मदद की थी, ऐसा माना जाता है कि दुनिया को बनाने से पहले कारिगर और इंजीनियर का जन्म हुआ था. उन्होंने ऐसी-ऐसी चीजों की रचना की थी, जिसे जानकर आप आश्चर्य में पड़ जाएंगे. देवों के शिल्पी, संसार के पहले इंजीनियर वास्तुकला के ज्ञाता भगवान विश्वकर्मा वास्तुशास्त्र के भी प्रकांड विद्वान है. आइए जानते हैं, भगवान विश्वकर्मा कौन हैं.
कौन हैं भगवान विश्वकर्मा?
जानकारी के अनुसार, अधिकांश हिन्दू ग्रंथों में भगवान विश्वकर्मा को संसार के रचयिता भगवान ब्रह्मा का वंशज माना गया है. मान्यता है कि भगवान ब्रह्मा के पुत्र धर्म से वास्तुदेव का जन्म हुआ था, जिन्हें शिल्प शास्त्र का आदि पुरुष माना गया है. इन्हीं वास्तुदेव की अंगिरसी नामक पत्नी से भगवान विश्वकर्मा का जन्म हुआ.
वहीं, कुछ धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, सृष्टि के प्रथम शिल्पकार माने गए भगवान विश्वकर्मा संसार के रचयिता भगवान ब्रह्मा के सातवें पुत्र हैं. साथ ही, कुछ ग्रंथों में उनको महादेव शिव का अवतार भी बताया गया है. मान्यता है कि उनका जन्म भादो मास में पड़ने वाली कन्या संक्रांति के दिन हुआ था, जो अक्सर 17 सितंबर को पड़ती है. इसलिए हर साल इस तारीख को विश्वकर्मा पूजा की जाती है.
भगवान विश्वकर्मा ने बनाई हैं ये चीजें
भगवान विश्वकर्मा ने ही भगवान शिव का त्रिशूल, जगन्नाथपुरी,विमान विद्या, यंत्र का निर्माण, विष्णु भगवान का सुदर्शन, रावण की लंका और पुष्पक विमान, हस्तिनापुर, कृष्ण की द्वारिका, देवताओं का स्वर्गलोक, इंद्रपुरी आदि कई चीजें तैयार की थीं. भगवान विश्वकर्मा को ही पहला इंजीनियर भी माना जाता है. ब्रह्माजी ने जब सृष्टि की रचना की थी, तब उसके सजाने और संवारने का काम विश्वकर्माजी ने ही किया था. इसी श्रद्धा भाव से किसी कार्य के निर्माण और सृजन से जुड़े लोग विश्वकर्मा जयंती पर पूजा अर्चना करते हैं.