केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने बंगलूरु के सीएमएस बिजनेस स्कूल के छात्रों से बात-चीत की। इस दौरान, उन्होंने डिजिटल बैंकिंग के क्षेत्र में हो रहे बदलावों का जिक्र करते हुए कहा कि देश में जन धन योजना के जरिए आम लोगों के लिए अवसर पैदा किए गए हैं। सरकार ने देश में डिजिटल नेटवर्क को फैलाने के लिए निवेश किया है। जबकि, कई अन्य देशों में यह कार्य निजी कंपनियों के जरिए हुआ है। जिससे वहां कुछ शुल्क लगने लगे। किंतु, भारत में यह सुविधा मुफ्त उपलब्ध है।
सीतारमण ने क्या कहा?
सीतारमण ने कहा कि अगर पितृसत्ता भारत में महिलाओं को उनके सपनों को पूरा करने से रोकती तो इंदिरा गांधी देश की पीएम कैसे बन सकती थीं? उन्होंने कहा कि पितृसत्ता एक ऐसा सिद्धांत है जिसे वामपंथियों ने गढ़ा है। अच्छे शब्दों के बहकावें में न आएं। अगर आप अपनी बात मजबूती से रखेंगे और तार्किक तरीके से बात करेंगे तो पितृसत्ता आपको अपने सपने पूरे करने से नहीं रोक सकती। हालांकि, उन्होंने यह बात मानी कि महिलाओं को पूरी तरह से सुविधाएं नहीं मिल पाती और इसमें और ज्यादा सुधार की आवश्यकता है।
नवाचार के लिए बनाया माहौल
सीतारमण ने कहा कि मोदी सरकार ने नवाचार के लिए एक ऐसा माहौल तैयार कर रही है, जो उनकी सहायता कर रही है। हम नवाचार को केवल नीतियों के जरिए नहीं बल्कि यह सुनिश्चित करने के लिए भी समर्थन दे रहे हैं कि इन नवाचारों को बाजार में सही जगह मिले। उन्होंने बताया कि सरकार सभी खरीद का चालीस प्रतिशत सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों से आता है।