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"न्यायपालिका... मंदिर, मस्जिद, गुरुद्वारा और गिरजाघर की तरह", जब CJI चंद्रचूड़ के सामने ममता बनर्जी ने दिया बयान

सीएम ममता ने कहा, ये मंदिर, मस्जिद, गुरुद्वारा और गिरजाघर की तरह है. न्यायपालिका लोगों की है, लोगों के द्वारा और लोगों के लिए है और न्याय पाने और संवैधानिक अधिकारों को बनाए रखने की अंतिम सीमा है.

Geeta
  • Jun 30 2024 9:58AM
"ये मंदिर, मस्जिद, गुरुद्वारा और गिरजाघर की तरह है. न्यायपालिका लोगों की है, लोगों के द्वारा और लोगों के लिए है...और न्याय पाने और संवैधानिक अधिकारों को बनाए रखने की अंतिम सीमा है.", ये बातें सीएम ममता बनर्जी ने मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ और कलकत्ता हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश टी एस शिवगणनम के सामने कही.

 

दरअसल, सीएम ममता अपने बेबाक बयानों के लिए जानी जाती है. इसी कड़ी में बंगाल की राजधानी कोलकाता में शनिवार को 'नेशनल ज्यूडिशियल एकेडमी' के पूर्वी क्षेत्र-द्वितीय क्षेत्रीय सम्मेलन के उद्घाटन में हिस्से लेने के लिए मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ और कलकत्ता हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश टी एस शिवगणनम भी पहुंचे हुए थे. 

 

इस मौके पर सीएम ममता बनर्जी ने कहा कि, न्यायपालिका को बिल्कुल प्योर यानी शुद्ध और ईमानदार होना चाहिए. उन्होंने कहा कि न्यायपालिका को राजनीतिक पूर्वाग्रहों से भी मुक्त होना चाहिए. 

 

बंगाल की सीएम ममता ने कहा, मैं इस बारे में बात करते हुए क्षमा चाहती हूं. मेरा मकसद किसी को भी अपमानित करना नहीं है. मगर मेरा विनम्र निवेदन है कि कृपया इस बात का ध्यान रखें कि न्यायपालिका में कोई राजनीतिक पूर्वाग्रह नहीं होना चाहिए. न्यायपालिका को शुद्ध, बिल्कुल शुद्ध, पवित्र और ईमानदार होना चाहिए, ताकि लोग इसकी पूजा करें.

 

सीएम ममता ने आगे कहा, ये मंदिर, मस्जिद, गुरुद्वारा और गिरजाघर की तरह है. न्यायपालिका लोगों की है, लोगों के द्वारा और लोगों के लिए है और न्याय पाने और संवैधानिक अधिकारों को बनाए रखने की अंतिम सीमा है.

 

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