हरियाणा में अब नए आपराधिक कानूनों को लागू करने की प्रक्रिया तेज़ हो गई है। चंडीगढ़ के बाद हरियाणा ऐसा दूसरा राज्य बनेगा, जहां ये नए कानून प्रभावी होंगे। गृह विभाग ने निर्धारित किया है कि इन कानूनों को 31 मार्च तक लागू कर लिया जाएगा।
CM सैनी 10 जनवरी को समीक्षा करेंगे
मुख्यमंत्री नायब सैनी 10 जनवरी को इन नए कानूनों के क्रियान्वयन की तैयारियों की समीक्षा करेंगे। इस बैठक में प्रदेशभर के पुलिस अधिकारियों से अपराधों और नशे की गतिविधियों पर नियंत्रण पाने के उपायों पर चर्चा की जाएगी। गृह विभाग, पुलिस, न्यायालय, अभियोजन और जेल विभागों के बीच समन्वय इस प्रक्रिया की सफलता के लिए आवश्यक होगा।
न्याय प्रक्रिया को बनाएंगे सरल और तेज
केंद्र सरकार ने त्वरित न्याय और न्यायिक प्रक्रिया को अधिक सरल बनाने के लिए तीन नए आपराधिक कानूनों का प्रस्ताव किया है। इनमें भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम शामिल हैं। इन नए कानूनों के जरिए न्याय का रास्ता सुगम और तेज़ किया जाएगा।
विभिन्न विभागों में समन्वय पर जोर
गृह सचिव सुमिता मिश्रा ने बताया कि इन कानूनों के क्रियान्वयन के लिए केंद्र सरकार के साथ तालमेल बनाए रखा गया है। साथ ही, मास्टर ट्रेनरों की एक टीम बनाई गई है, जो जिला स्तर पर पुलिस अधिकारियों और कर्मियों को इन नए कानूनों के बारे में प्रशिक्षित कर रही है।
वकीलों के लिए जागरूकता अभियान
नए कानूनों को लेकर वकीलों में भी जागरूकता बढ़ाई जा रही है। प्रदेश में कुल 37 हजार वकील हैं, जिनमें से 24 हजार ने 'संकलन ऐप' डाउनलोड कर लिया है। इस ऐप की मदद से वकील पुराने और नए कानूनों को आसानी से समझ सकते हैं और उनका पालन कर सकते हैं।
न्याय में होगी तेजी, साक्ष्य होंगे महत्वपूर्ण
गृह सचिव ने बताया कि इन नए कानूनों से न्याय प्रक्रिया में कोई देरी नहीं होगी। नए कानूनों के तहत न्याय की समयसीमा तय की गई है, जिसमें गवाहों और साक्ष्य की अहम भूमिका होगी। इसके साथ ही, फोरेंसिक जांच को भी और अधिक पुख्ता किया जा रहा है।
नशा, रंगदारी और साइबर अपराध पर खास ध्यान
मुख्यमंत्री नायब सैनी शुक्रवार को पुलिस अधिकारियों के साथ बैठक में राज्य की कानून व्यवस्था की समीक्षा करेंगे। इस बैठक में नशा, रंगदारी, साइबर अपराध और अन्य आपराधिक गतिविधियों पर चर्चा की जाएगी। साथ ही, नए कानूनों के क्रियान्वयन की तैयारियों का भी मूल्यांकन किया जाएगा। मुख्यमंत्री पुलिस अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने का टारगेट देंगे कि अपराधों की रोकथाम के साथ-साथ जनता को शीघ्र न्याय भी प्राप्त हो।