महाकुंभ 2025 के पहले महास्नान का पर्व मंगलवार को शुरू हो चुका है। देश-विदेश से श्रद्धालु जीवनदायिनी गंगा, श्यामल यमुना और पौराणिक सरस्वती के संगम में पुण्य की डुबकी यानी अमृत स्नान लगाने के लिए उमड़ पड़े हैं। इसके पहले पौष पूर्णिमा स्नान भी बड़े धूमधाम से हुआ था। मंगलवार तक एक करोड़ 60 लाख से ज्यादा श्रद्धालुओं ने संगम में स्नान किया।
अखाड़ों के अनुशासन में स्नान
महानिर्वाणी अखाड़े के साधुओं ने सबसे पहले अमृत स्नान किया, इसके बाद अन्य अखाड़ों के साधु भी इस पवित्र आयोजन का हिस्सा बने। महाकुंभ मेला प्रशासन की ओर से सभी सुरक्षा और स्नान क्रम का पूरी तरह पालन किया जा रहा है। नागा साधुओं ने अमृत स्नान के दौरान अपनी युद्ध कला का प्रदर्शन भी किया, जिसे लाखों श्रद्धालुओं ने देखा।
श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या
प्रयागराज जंक्शन पर भीड़ बढ़ने के कारण यात्री रुकने लगे हैं। पुलिस ने श्रद्धालुओं को व्यवस्था बनाए रखने के लिए मार्गदर्शन किया है। श्रद्धालु अपने सिर पर गठरी लेकर, सुबह से ही गंगा की ओर दौड़ते नजर आए। उनका उत्साह और श्रद्धा देखकर हर कोई प्रेरित हुआ।
सुरक्षा व्यवस्था की चाक-चौबंद तैयारी
महाकुंभ के आयोजन में सुरक्षा की जिम्मेदारी भी बड़ी है। पुलिस और सुरक्षा बल हर मार्ग पर तैनात हैं और सभी मार्गों पर बैरिकेडिंग की गई है। घुड़सवार पुलिस बल ने भी पैदल मार्च किया, जिससे साधु-संतों के स्नान में कोई विघ्न न आए। पुलिस ने घटनास्थल पर एम्बुलेंस और अन्य जरूरी संसाधन भी तैनात किए हैं।
नागा साधुओं की भव्य शोभायात्रा
महानिर्वाणी अखाड़े के नागा साधु अपने शाही रूप में भाला, त्रिशूल और तलवारों के साथ शोभायात्रा में शामिल हुए। श्रद्धालु उनकी यात्रा में शामिल होकर भक्ति और आस्था की एक अनूठी मिसाल प्रस्तुत कर रहे थे। भजन मंडलियां और जयघोषों के बीच यह दृश्य पूरी तरह से दिव्य और आध्यात्मिक हो गया।
भीड़ नियंत्रण और सड़क पर पैदल यात्रा
महाकुंभ में बढ़ती भीड़ को नियंत्रित करने के लिए प्रशासन ने छह से सात किलोमीटर पहले ही वाहनों को रोकने की व्यवस्था की। इस कारण सड़कें पैदल पथ में बदल गईं और श्रद्धालु अपने परिवारों के साथ संगम तट की ओर बढ़ते हुए पुण्य की डुबकी लगाने के लिए जा रहे थे।
आध्यात्मिक ऊर्जा से सजा महाकुंभ
संगम तट पर गूंजते हर हर महादेव और जय श्रीराम के जयघोषों के बीच पवित्र त्रिवेणी के तट पर श्रद्धालुओं की भीड़ बढ़ती जा रही है। मेला प्रशासन का अनुमान है कि पहले राजसी स्नान पर्व पर ढाई करोड़ से अधिक श्रद्धालु संगम में स्नान करेंगे। इस विशाल जनसैलाब के बीच महाकुंभ का वातावरण भक्ति और आध्यात्मिक ऊर्जा से भरपूर है।