महाकुंभ मेला क्षेत्र में मंगलवार सुबह एक संदिग्ध युवक को पकड़ा गया। यह युवक महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद के अखाड़े में घुसने का प्रयास कर रहा था। पुलिस ने उसे हिरासत में लेकर जांच शुरू कर दी है। प्रारंभिक जांच में सामने आया कि युवक का नाम आयूब था, जो आयुष बनकर अखाड़े में दाखिल हुआ था और महंत यति नरसिंहानंद से मिलने की जिद कर रहा था।
संदिग्ध युवक से पूछताछ
जब अखाड़े के संतों ने युवक को संदिग्ध पाया, तो उसकी जांच की गई। जांच के दौरान उसकी असली पहचान उजागर हुई, जिसके बाद उसे पुलिस के हवाले कर दिया गया। अखाड़े के संतों ने पुलिस पर सुरक्षा में लापरवाही बरतने का आरोप भी लगाया है।
पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों द्वारा संदिग्धों से पूछताछ
पुलिस और सुरक्षा एजेंसियां अब विभिन्न स्थानों से अन्य संदिग्ध युवकों को उठाकर पूछताछ कर रही हैं। आयूब के साथ क्या संबंध हैं और वह किस उद्देश्य से अखाड़े में आया था, इसका भी पता लगाया जा रहा है।
सनातन धर्म की रक्षा पर बल: यति नरसिंहानंद
महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरि ने महाकुंभ में सनातन धर्म की रक्षा को लेकर गंभीर विचार व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि दुनिया भर में हिंदुओं के खिलाफ बढ़ते जिहादी हमलों को लेकर चिंता जताई। उन्होंने सभी धर्मगुरुओं को एकजुट होकर इस समस्या पर एक ठोस रणनीति बनाने का आह्वान किया। इस संदर्भ में श्रीपंचदशनाम जूना अखाड़ा 25 जनवरी को एक धर्म संवाद का आयोजन करेगा।
धर्म संवाद की योजना
यति नरसिंहानंद गिरि महाराज ने सोमवार को श्रीदूधेश्वरनाथ मठ के शिविर में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में धर्म संवाद के आयोजन की घोषणा की। यह संवाद श्रीपंचदशनाम जूना अखाड़े के प्रमुख धर्मगुरुओं के मार्गदर्शन में होगा, जिसमें प्रमुख रूप से श्रीमहंत हरि गिरि महाराज, श्रीमहंत प्रेम गिरि महाराज, और श्रीमहंत नारायण गिरि महाराज शामिल होंगे।
संतों का कर्तव्य: सनातन धर्म की रक्षा
धर्म संवाद में श्रीपंचदशनाम जूना अखाड़े के अंतरराष्ट्रीय प्रवक्ता श्रीमहंत नारायण गिरि महाराज ने कहा कि संतों का प्राथमिक कर्तव्य सनातन धर्म की रक्षा करना है। प्रेस कॉन्फ्रेंस में अन्य संतों जैसे स्वामी मुकेशानंद गिरी, डॉ. उदिता त्यागी, राकेश सरावगी, डॉ. पीएन राय, यति रामस्वरूपानंद और यति सत्यदेवानंद भी उपस्थित थे।