उत्तर प्रदेश के बलरामपुर जिले में पिछले सप्ताह छांगुर पीर नाम के एक संदिग्ध के ठिकानों पर ATS ने दबिश दी थी। इस दौरान छांगुर और मास्टरमाइंड नसरीन उर्फ़ नीतू फरार होने में कामयाब रहीं। फ़िलहाल उसके बेटे महबूब मियाँ और सहयोगी जमालुद्दीन को गिरफ्तार कर लिया गया है। इस बीच छांगुर पीर के अपराधों की फेहरिस्त हरियाणा, महाराष्ट्र सहित उत्तर प्रदेश के कई जिलों में पाई गई है। सुदर्शन न्यूज़ की पड़ताल में सामने आया है कि मुरादाबाद जिले में छांगुर पीर के खिलाफ शिकायतें दर्ज हैं। इन शिकायतों में दलित उत्पीड़न और जमीन कब्ज़े में साथ देना आदि शामिल है। हैरानी की बात ये रही कि इस पूरे मामले में छांगुर पीर उत्तर प्रदेश सरकार में कद्दावर मंत्री असीम अरुण पर भी भारी पड़ा था। असीम अरुण द्वारा लगातार आदेश देने के बावजूद जिला प्रशासन की हिम्मत छांगुर को छूने तो दूर, पूछताछ करने की भी न हो पाई थी।
मामला मुरादाबाद जिले के थानाक्षेत्र बिलारी का है। यहाँ का रहने वाला दानवीर जाटव नाम का युवक पिछले लगभग 1 दशक से खुद को प्रताड़ित बता कर आधिकारियों की चौखट पर न्याय की भीख माँग रहा है। दानवीर का आरोप है कि उत्तर प्रदेश समाज कल्याण विभाग द्वारा दलितों को आबंटित दुकानों पर अधिकतर मुस्लिम समुदाय के लोगों ने दशकों से कब्ज़ा कर रखा है। इस कब्ज़े को मुक्त करवाने के लिए दानवीर जिला समाज कल्याण अधिकारी और जिलाधिकारी से सैकड़ों बार मिन्नत कर चुका है। हालाँकि रिजल्ट ढाक के तीन पात रहे।
इस बीच लगभग 4 साल पहले दानवीर को कुछ बाहरी लोगों द्वारा मौत की धमकियाँ मिलीं। दानवीर के मुताबिक उन्हें मिली धमकियाँ खुद को छांगुर पीर बताने वाले किसी बुजुर्ग व्यक्ति द्वारा दी गई थी। वह कुछ लोगों के साथ वाहन से उतरा था और कबजेदार मुस्लिमों को अपना मुरीद बताते हुए दानवीर से दावा वापस लेने को बोला । जब दानवीर ने इंकार किया तो उसे धमकीबाज छाँगुर ने मौत की धमकी दी। सुदर्शन न्यूज से बातचीत मे दानवीर का यह भी दावा है कि छाँगुर की तरफ से उसे जमीन वापस पाने के लिए इस्लाम कबूलने का लालच भी दिया गया था।
सितंबर 2024 मे दानवीर ने इसकी शिकायत स्थानीय पुलिस सहित समाज कल्याण अधिकारी तक को भेजी। इस शिकायत पर मुरादाबाद पुलिस ने कोई ध्यान नहीं दिया। उलटे दानवीर को ही जान से मार डालने जैसी धमकियों की बाढ़ सी आ गई। जिला प्रशासन को छाँगुर और कब्जेदारों के दबाव मे देख कर दानवीर ने उत्तर प्रदेश समाज कल्याण मंत्री असीम अरुण से संरक्षण की गुहार लगाई। दानवीर की शिकायत पर असीम अरुण ने फौरन संज्ञान भी लिया ।
गुरुवार (12 सितंबर 2024) को समाज कल्याण मंत्रालय उत्तर प्रदेश ने इस मामले मे मुरादाबाद प्रशासन को संबोधित करते हुए आदेश जारी किया। पत्रांक संख्या- 636/VIP/राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार, स क/2024 वाला यह आदेश स्वयं मंत्री असीम अरुण ने निर्गत किया था। इस आदेश में मुरादाबाद के DM से कहा गया था कि वो दानवीर को धमकी देने वालों के खिलाफ एक्शन लें। वहीं जिला समाज कल्याण अधिकारी को निर्देश दिया गया था कि वो अविलम्ब अवैध कब्ज़े को हटवा कर असल मालिकों को उनका अधिकार दिलाएँ। सुदर्शन न्यूज के पास वह आदेश मौजूद है।
मुरादाबाद मे मंत्री पर भारी पड़ा था छाँगुर पीर
सुदर्शन न्यूज़ ने इस मामले में पीड़ित दलित युवक दानवीर से बातचीत की। दानवीर ने हमें बताया कि मंत्री असीम अरुण का आदेश उनके ही विभाग के जिला समाज कल्याण अधिकारी ने जरा सा भी नहीं माना। बकौल दानवीर धमकीबाज छाँगुर के खिलाफ मंत्रालय से जिलाधिकारी को मिला निर्देश भी न जाने कहाँ गुम हो गया है। एटीएस की कार्रवाई के बाद छांगुर के खौफ की दास्ताँ सामने आने के बाद दानवीर को अपनी हत्या की आशंका सताने लगी है। अब दानवीर मंत्री के आदेशों की प्रतियाँ ले कर सीधे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से अपने परिवार की सुरक्षा की गुहार लगाने की तैयारी मे हैं।
दानवीर आगे बताते हैं कि वो अपने मूल घर के बजाय डर से मुरादाबाद शहर में कहीं गुजर-बसर कर रहे हैं। उनका परिवार काफी डरा-सहमा है। दानवीर को इस बात की भी आशंका है कि पैसों के दम पर जिस तरह से छांगुर पीर और उसके गिरोह ने बलरामपुर प्रशासन में अपनी बैठ बनाई थी, वहीं से किसी प्रशासनिक सूत्र के जरिए उसने मुरादाबाद जिला प्रशासन को भी अपने अर्दब में ले लिया होगा। खुद पीड़ित दलित स्वीकार कर रहा है कि मुरादाबाद में कब्जेदार और उनका सरगना छांगुर मंत्री असीम अरुण पर भारी पड़ा है। फ़िलहाल छांगुर की गिरफ्तारी न होने की वजह से अभी अवैध कब्जेदारों सहित उसके गिरोह के बाकी सदस्यों के हौसले बुलंद हैं।