बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री अक्सर अपने बयानों की वजह से सुर्खियों में बने रहते है. इस बार उनका बयान फिर चर्चा में है. दरअसल,पंडित धीरेंद्र शास्त्री सनातन धर्म से संबंधित मुद्दों पर खूब मुखर भी रहते हैं. वे जहां बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचारों की मुखालफत करते हैं. वहीं भारत को हिंदू राष्ट्र घोषित करने की भी मांग कर रहे हैं. इस बार उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा कि सिर्फ हवस के पुजारी शब्द का इस्तेमाल ही क्यों होता है? हवस के मौलवी क्यों नहीं? उन्होंने कहा कि जानबूझकर हिंदुओं के दिमाग में प्रायोजित तरीके से ऐसे शब्द भरे गए.
जानकारी के अनुसार, बागेश्वर धाम के आचार्य पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने हाल ही में बिहार के बोधगया में अनुयायियों को संबोधित किया था. बताया जा रहा है कि पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने कथा सुनाते हुए इस बात पर क्षोभ जाहिर किया कि सनातन धर्मावलंबी स्वयं अपने धर्म, अपने साधु—संतो, अपने तीर्थों, अपने रीति रिवाजों का मजाक उड़ाते हैं.
पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने बताया कि इसके लिए बेहद सुनियोजित तरीके से हिंदुओं का ब्रेन वॉश किया गया. उन्होंने आगे कहा कि हमने हवस का पुजारी सुना है. बागेश्वर धाम सरकार ने सवाल उठाया कि हवस का मौलवी क्यों नहीं हो सकता? इस प्रश्न का पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने खुद ही जवाब भी दिया. उन्होंने बताया कि हमारे दिमाग में बहुत ही प्रायोजित तरीके से ऐसे शब्दों को पहुंचाया और भरा गया है.
उन्होंने आगे कहा कि आपने कभी भी किसी मुसलमान को अपने मौलवियों की हंसी उड़ाते या उनका मजाक बनाते नहीं देखा होगा. केवल हम ही लोग ऐसा करते हैं. पंडित शास्त्री ने कहा कि हम किसी के विरोध में नहीं हैं लेकिन हमारे मंदिरों को पाखंड की दुकान कहा जाता रहा है, साधु- संतों को सरेआम ढोंगी-पाखंडी बताया जाता रहा है.