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Maharashtra Elections: चुनावी मैदान में RSS के 'स्पेशल 65' की एंट्री... 'सजग रहो' अभियान से हिंदू एकता का संदेश

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में प्रचार की नई रणनीति और नारों का महत्व।

Ravi Rohan
  • Nov 9 2024 6:15PM

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव का समय निकट है, और अब केवल 11 दिन बचे हैं। सभी राजनीतिक पार्टियों ने अपनी ताकत झोंक दी है, और हर एक सीट पर प्रचार-प्रसार का माहौल है।


चुनावी समर में आरएसएस (राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ) की भी एंट्री हो चुकी है। महाराष्ट्र में संघ 'सजग रहो' अभियान चला रहा है, जिसमें 65 संगठन मिलकर सहयोग कर रहे हैं।


महायुति और महाविकास अघाड़ी का सीधा मुकाबला


महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में सत्ताधारी महायुति और विपक्षी गठबंधन महाविकास अघाड़ी का सीधा सामना है। महायुति में भाजपा, एकनाथ शिंदे की शिवसेना और अजित पवार की एनसीपी शामिल हैं। वहीं महाविकास अघाड़ी में कांग्रेस, उद्धव ठाकरे की शिवसेना (UBT) और शरद पवार की एनसीपी (शरद पवार) का समावेश है।


हिंदुओं को एकजुट करने की कोशिश में संघ


संघ की स्पेशल 65 टीम महायुति के समर्थन में प्रचार के लिए मैदान में उतर चुकी है। संघ के सहयोगी संगठन "एक हैं तो सेफ हैं" के नारे के तहत लोगों को एकजुट करने का प्रयास कर रहे हैं। यह अभियान विशेष रूप से महाराष्ट्र में हिंदुओं को एक साथ लाने के उद्देश्य से चलाया जा रहा है।


संघ का "नारों वाला प्लान"


टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, 'सजग रहो' संघ के तीन राष्ट्रीय अभियानों में सबसे नवीनतम अभियान है। पहले यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 'बटेंगे तो कटेंगे' नारा दिया था। इसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महाराष्ट्र के धुले में 'एक हैं तो सेफ हैं' का नारा दिया। सीएम योगी ने वाशिम में 'एक हैं तो नेक हैं' नारा दिया। इन नारों का उद्देश्य हिंदू समाज में एकता को बढ़ावा देना और विभाजन को समाप्त करना है।


नारों का उद्देश्य: किसी के खिलाफ नहीं


आरएसएस सूत्रों का कहना है कि 'सजग रहो' और 'एक हैं तो सेफ हैं' जैसे नारे किसी के खिलाफ नहीं हैं, बल्कि इनका उद्देश्य हिंदुओं को एकजुट करना और जातीय विभाजन को खत्म करना है। भाजपा के वरिष्ठ नेताओं का कहना है कि संघ और उसके 65 सहयोगी संगठन अब तक सैकड़ों बैठकों का आयोजन कर चुके हैं, जिनमें मुख्य ध्यान महाराष्ट्र में हिंदू समाज को एकजुट करने पर रहा है।


महाराष्ट्र में भाजपा का प्रदर्शन


गौरतलब है कि पिछले दो विधानसभा चुनावों में भाजपा महाराष्ट्र में सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी है। 2014 के चुनाव में भाजपा को 122 सीटें मिली थीं, जबकि 2019 में यह संख्या 105 रही। इस बार 20 नवंबर को महाराष्ट्र की 288 विधानसभा सीटों पर मतदान होना है, और 23 नवंबर को परिणाम घोषित किए जाएंगे।


इस तरह, महाराष्ट्र में इस बार का चुनाव प्रचार नए नारों, गठबंधनों और सामाजिक एकता के संदेश के साथ अपनी गति को छू रहा है।




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