सुदर्शन के राष्ट्रवादी पत्रकारिता को सहयोग करे

Donation

Indira Ekadashi 2024: इंदिरा एकादशी पर भूल से भी न करें इन चीजों का दान, जरूर पढ़ें यह व्रत कथा... होगा धन लाभ!

इंदिरा एकादशी पर अगर आप पितरों के नाम पर तर्पण करते हैं। भगवान विष्णु की पूजा करते हैं और दान करते हैं तो कुछ खास बातों का ध्यान रखें। नहीं तो पितरों के साथ-साथ देवता भी नाराज हो जाते हैं।

Rashmi Singh
  • Sep 28 2024 5:27PM

एकादशी के दिन भगवान विष्णु की पूजा की जाती है। दरअसल, माह में दो बार एकादशी आती है। जिनमें से एक कृष्ण पक्ष में और दूसरा शुक्ल पक्ष में आती है। मान्यता है कि इस दिन व्रत रखने और भगवान विष्णु की पूजा करने से घर में सुख-शांति बनी रहती है। इस दिन पूजा के साथ व्रत कथा का पाठ करना जरूरी माना जाता है। मान्यता है कि कथा का पाठ किए बिना व्रत पूरा नहीं होता है। ऐसे में जानिए आज के दिन पाठ करना क्यों जरूरी होता है। 

इंदिरा एकादशी 2024 तिथि और शुभ मुहूर्त

पंचांग के अनुसार, एकादशी तिथि का आरंभ 27 सितंबर, दिन शुक्रवार की दोपहर 1 बजकर 19 मिनट पर होगा और इसका समापन अगले दिन 28 सितंबर की दोपहर 2 बजकर 50 मिनट पर होगा। उदया तिथि के अनुसार, इंदिरा एकादशी का व्रत 28 सितंबर, दिन शनिवार को रखा जाएगा। पूजा अर्चना के लिए सबसे शुभ मुहूर्त 28 सितंबर की सुबह 7 बजकर 42 मिनट से लेकर सुबह के 9 बजकर 12 मिनट तक और दोपहर में 3 बजकर 11 मिनट से लेकर दोपहर के 4 बजकर 40 मिनट तक रहेगा। 

इंदिरा एकादशी कथा

सत्ययुग में महिष्मतिपुरी के राजा इंद्रसेन सदैव प्रजा के उद्धार के लिए कार्य करते थे और भगवान विष्णु के भक्त भी थे। एक दिन देवर्षि नारद उनके दरबार में आये। राजा ने बड़ी प्रसन्नता से उसकी सेवा की और उसके आने का कारण पूछा। देवर्षि ने बताया कि मैं यम से मिलने यमलोक गया था, वहां मुझे तुम्हारे पिता के दर्शन हुए। उन्होंने बताया कि व्रत तोड़ने के दोष के कारण उन्हें यमलोक की यातनाएं भोगनी पड़ रही हैं। इसलिए उन्होंने तुम्हारे पास यह संदेश भेजा है कि तुम उनके लिए इंदिरा एकादशी का व्रत करो ताकि उन्हें स्वर्ग की प्राप्ति हो सके. राजा ने पूछा, हे ऋषि! कृपया इंदिरा एकादशी के बारे में बताएं। देवर्षि ने बताया कि आश्विन मास की यह एकादशी पितरों को सद्गति देने वाली है. व्रत में अपना पूरा दिन नियम-संयम के साथ बिताएं. व्रती को इस दिन आलस्य त्याग कर हरि नाम का भजन करना चाहिए। पितरों का भोजन निकाल कर गाय को खिलाएं. फिर भाई-बन्धु, नाती और पु्त्र आदि को खिलाकर स्वयं भी मौन धारण कर भोजन करना। इस विधि से व्रत करने से आपके पिता की सद्गति होगी। राजा ने इसी प्रकार इंदिरा एकादशी का व्रत किया। व्रत के पुण्य प्रभाव से राजा के पिता गरुड़ पर आरूण होकर श्री विष्णुधाम को चले गये और राजर्षि इन्द्रसेन भी मृत्योपरांत स्वर्गलोक को गए। 

इंदिरा एकादशी व्रत का महत्व

एकादशी व्रत हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण व्रत माना जाता है, इस व्रत का प्रयोग विशेष रूप से भगवान विष्णु की पूजा के लिए किया जाता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, इस व्रत को करने से पापों से मुक्ति मिलती है और मोक्ष की प्राप्ति होती है। ये भी मान्यता है कि इंदिरा एकादशी का व्रत रखने से 7 पीढ़ियों के पितर तृप्त होते हैं। धार्मिक ग्रंथों के अनुसार इस एकादशी पर विधिपूर्वक व्रत कर, इसके पुण्य को अपने पितरों को दान करने से उन्हें मोक्ष की प्राप्ति होती है, और व्रत करने वाले व्यक्ति को को बैकुंठ की प्राप्ति होती है। 

इंदिरा एकादशी पर न करें ये गलती 

तर्पण में न करें ये गलती - इंदिरा एकादशी पर दोपहर के समय ही पितरों का श्राद्ध करें, तर्पण-पिंडदान सुबह या सूर्यास्त के बाद नहीं किया जाता है। इस समय पितर न ही अन्न, न जल ग्रहण कर पाते हैं और भूखे लौट जाते हैं। पितरों की नाराजगी जीवन में परेशानी ला सकती है। 

इन चीजों का दान न करें - एकादशी के दिन इस्तेमाल किया हुआ तेल दान न करें, न ही बासी खाना किसी को दें। मान्यता है इस तरह का दान धनवान को भी कंगाल बना देता है। 

इस काम से रूठ जाते हैं पितर-देव- पितृ पक्ष की इंदिरा एकादशी व्रत वाले दिन पति-पत्नी शारीरिक संबंध न बनाएं। इससे न ही व्रत-पूजा का फल मिलता है साथ ही पूर्वज रूठ जाते हैं। मन में वासना जनित विचार न आएं इसलिए धार्मिक पुस्तकों का अध्ययन आप कर सकते हैं, या ध्यान को एकाग्र करने के लिए वो कार्य कर सकते हैं जो आपको पसंद है। 

इस दिन जरूर रखे इस बात का ध्यान 

 इस दिन आपको प्याज, लहसुन और मांस-मदिरा का सेवन करने से भी बचना चाहिए। अगर आप इन चीजों का सेवन करते हैं तो भगवान विष्णु के प्रकोप से आपको दो-चार होना पड़ सकता है। 

सहयोग करें

हम देशहित के मुद्दों को आप लोगों के सामने मजबूती से रखते हैं। जिसके कारण विरोधी और देश द्रोही ताकत हमें और हमारे संस्थान को आर्थिक हानी पहुँचाने में लगे रहते हैं। देश विरोधी ताकतों से लड़ने के लिए हमारे हाथ को मजबूत करें। ज्यादा से ज्यादा आर्थिक सहयोग करें।
Pay

ताज़ा खबरों की अपडेट अपने मोबाइल पर पाने के लिए डाउनलोड करे सुदर्शन न्यूज़ का मोबाइल एप्प

Comments

संबंधि‍त ख़बरें

ताजा समाचार