इनपुट- रवि शर्मा, लखनऊ
लखनऊ विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो आलोक कुमार राय के दिशा निर्देश से मनोविज्ञान विभाग ने मनोविज्ञान विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ अर्चना शुक्ला और लखनऊ विश्वविद्यालय की डीन एकेडमिक्स प्रो गीतांजलि मिश्रा के नेतृत्व में केजीएमयू, लखनऊ के सहयोग से यूपी स्टेट एड्स कंट्रोल सोसाइटी (यूपीएसएसीएस), लखनऊ के साथ “उत्तर प्रदेश में एचआईवी एड्स (पीएलएचआईवी) से पीड़ित लोगों और प्रमुख आबादी में पूर्वाग्रह और भेदभाव” नामक परियोजना के लिए एक अनुबंध पर हस्ताक्षर किए।
इस परियोजना का उद्देश्य एचआईवी एड्स से पीड़ित लोगों में पूर्वाग्रह और भेदभाव का अध्ययन करना है। इस मिथक के विपरीत कि एचआईवी एड्स का उन्मूलन हो गया है, यूपीएसएसीएस के अनुसार डेटा से पता चलता है कि वर्ष 2022-2023 में उत्तर प्रदेश में एचआईवी एड्स की दर पिछले वर्षों की तुलना में 49.23% बढ़ गई है। इसलिए यह अध्ययन उपचार से जुड़ी बाधाओं को समझने में मदद करेगा और उनके मानसिक स्वास्थ्य के उत्थान में मदद करेगा। यह शोध उत्तर प्रदेश के चार जिलों लखनऊ, झांसी, मेरठ और वाराणसी में 800-1000 एचआईवी रोगियों की रोग के प्रति धारणा और दृष्टिकोण को सामने लाएगा। परियोजना में प्रधान अन्वेषक डॉ. हंसिका सिंघल, सहायक प्रोफेसर हैं और सह-प्रधान अन्वेषक डॉ. अर्चना शुक्ला, हेड, मनोविज्ञान विभाग, लखनऊ विश्वविद्यालय हैं।