रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने वर्तमान सुरक्षा माहौल को देखते हुए वैश्विक समुदाय के बीच बढ़ी हुई सामूहिकता की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि, वैश्विक सुरक्षा परिदृश्य अस्थिर है, जिसमें विभिन्न संघर्ष और चुनौतियां सामने आ रही हैं। 10 जनवरी को दिल्ली में एयरो इंडिया 2025 के पूर्व में आयोजित राजनयिक राउंड-टेबल में रक्षा मंत्री ने बताया कि दुनिया भर के देशों को एकजुट होकर साझा समृद्धि और वैश्विक शांति के लिए काम करना चाहिए।
भारत ग्लोबल साउथ की प्रमुख आवाज
रक्षा मंत्री ने कहा कि, भारत ग्लोबल साउथ के लिए एक प्रमुख आवाज बनकर उभर रहा है और यह एक बहुपक्षीय नीति दृष्टिकोण का समर्थन करता है। इस नीति का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि समृद्धि की सामूहिक दिशा में विभिन्न दृष्टिकोणों पर विचार किया जाए। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा वैश्विक चुनौतियों को पांच प्रमुख (सम्मान, संवाद, सहयोग, शांति और समृद्धि) सिद्धांतों के माध्यम से संबोधित करने की प्रतिबद्धता को रेखांकित किया।
एयरो इंडिया: देशों के बीच साझेदारी का मंच
राजनाथ सिंह ने एयरो इंडिया को एशिया के सबसे बड़े एयरो शो के रूप में वर्णित किया, जहां राष्ट्र एक साथ आते हैं और सीमाओं के परे संबंध स्थापित करते हैं। उन्होंने इस आयोजन को एक ऐसे मंच के रूप में देखा जहां देशों को व्यापार, प्रौद्योगिकी हस्तांतरण, संयुक्त विकास और सह-उत्पादन के अवसर मिलते हैं।
भारत का रक्षा उद्योग: निवेश के लिए आकर्षक गंतव्य
रक्षा मंत्री ने भारत के रक्षा उद्योग के विकास पर प्रकाश डाला और बताया कि भारत एशिया में सबसे बड़े रक्षा औद्योगिक पारिस्थितिकी तंत्रों में से एक है। उन्होंने यह भी बताया कि भारतीय एयरोस्पेस और रक्षा क्षेत्र विदेशी कंपनियों के लिए आकर्षक अवसर प्रस्तुत करता है, जो नए उपक्रमों और साझेदारियों की तलाश में हैं। उन्होंने भारतीय वायु सेना के लिए C-295 परिवहन विमान के निर्माण के लिए टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स लिमिटेड और एयरबस डिफेंस एंड स्पेस के बीच सहयोग का उदाहरण दिया।
एयरोस्पेस पावर: सैन्य प्रभुत्व की नई सीमा
रक्षा मंत्री ने बताया कि आज के दौर में हवाई और अंतरिक्ष शक्ति सैन्य प्रभुत्व के नए क्षेत्र के रूप में उभरी है, जो रणनीतिक निरोधक के रूप में कार्य करती है। उन्होंने यह भी कहा कि एयरोस्पेस पावर युद्धक्षेत्र पर अप्रत्याशित लाभ प्रदान करने में सक्षम है, जब इसे कृत्रिम बुद्धिमत्ता और मशीन लर्निंग प्रणालियों के साथ जोड़ा जाता है।
भारत का आत्मनिर्भरता की ओर कदम
रक्षा मंत्री ने बताया कि हाल के वर्षों में सरकार ने रक्षा उद्योग को सशक्त बनाने के लिए कई नीति सुधार किए हैं, जिसमें घरेलू डिज़ाइन, विकास, निर्माण और निर्यात को बढ़ावा देने के लिए पहलों का समावेश है। उन्होंने "आत्मनिर्भर भारत" पहल के तहत एयरोस्पेस को एक महत्वपूर्ण क्षेत्र के रूप में चिन्हित किया है, जिससे भारत के रक्षा और एयरोस्पेस क्षेत्र में नई-नई प्रौद्योगिकियों के विकास में तेजी आई है।
एयरो इंडिया 2025: एक प्रमुख वैश्विक मंच
रक्षा मंत्री ने एयरो इंडिया 2025 के दौरान विभिन्न देशों के मंत्रियों, अधिकारियों और व्यापारिक प्रतिनिधियों का स्वागत करने का उत्साह व्यक्त किया। उन्होंने इस मंच को देशों के बीच सहयोग को बढ़ाने के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर के रूप में देखा।
एयरो इंडिया 2025 के बारे में
एयरो इंडिया 2025 का 15वां संस्करण 10 से 14 फरवरी 2025 तक बेंगलुरु, कर्नाटका के एयरफोर्स स्टेशन येलहांका में आयोजित होगा। इस पांच दिवसीय आयोजन में रक्षा मंत्रियों की संगोष्ठी, सीईओ राउंड-टेबल, iDEX स्टार्टअप इवेंट, वायु प्रदर्शन और प्रदर्शनी शामिल होंगी। यह आयोजन विदेशी और भारतीय कंपनियों के बीच साझेदारियों को बढ़ावा देने और स्वदेशीकरण की प्रक्रिया को तेज करने के लिए एक मंच प्रदान करेगा।
एयरो इंडिया 2025: वैश्विक रक्षा और एयरोस्पेस उद्योग का महत्वपूर्ण मंच
एयरो इंडिया 2025 ने दुनिया के प्रमुख रक्षा और एयरोस्पेस उद्योगों को एक मंच पर लाने का अवसर दिया, जहां उद्योग के नेता अपनी क्षमताओं, उत्पादों और सेवाओं का प्रदर्शन करेंगे। यह आयोजन भविष्य की रणनीतियों को आकार देने के लिए महत्वपूर्ण रहेगा।