दिल्ली भाजपा के अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने आज यानी 30 दिसंबर को आम आदमी पार्टी (AAP) के संयोजक और पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर एक बार फिर से हमला बोला है। इस दौरान वीरेंद्र सचदेवा ने कहा है की आम आदमी पार्टी संयोजक अरविंद केजरीवाल अब एक हारे हताश सुल्तान हैं जो आवाज़ लगा लगा रोज नई लोक लुभवनी घोषणाएं कर रहे हैं ताकि किसी तरह सत्ता में बने रह सकें। पत्रकार सम्मेलन में अधिवक्ता सुश्री रुक्मणी सिंह एवं मीडिया टीम सदस्य यासिर जिलानी भी उपस्थित थे।
केजरीवाल दिल्ली में जहां भी जाते हैं लोग उनसे दिल्ली के ठप्प विकास पर, शीशमहल के निर्माण पर, एक पर एक बाटी शराब बोतलों पर तो सवाल पूछते ही हैं साथ में उन 62 मौतों पर भी जवाब मांगते हैं जो इस वर्ष मानसून में जलजमाव में डूबने और बिजली करंट लगने से हुईं, ऐसे में बेबस अरविंद केजरीवाल अब सपनों के सौदागर बन कर फिर से आम आदमी को ठगना चाह रहे हैं।
दिल्ली भाजपा अध्यक्ष ने कहा की अरविंद केजरीवाल अब जितनी भी घोषणाएं कर लें दिल्ली वाले उनका यकिन नही करने वाले। वीरेंद्र सचदेवा ने कहा है की महिला सम्मान छलावे के बाद अब केजरीवाल ने पुजारी ग्रंथी सम्मान योजना की घोषणा की है।
दिल्ली भाजपा का पुजारी प्रकोष्ठ लम्बे समय से पुजारियों के लिए भी वेतन भत्ते की मांग करता है, हमने अनेक बार धरने प्रदर्शन किये और केजरीवाल सरकार पर पुजारियों एवं ग्रंथियों के लिए वेतन देने का दबाव बनाया। वीरेंद्र सचदेवा ने कहा की आज दिल्ली भाजपा एवं उसके पुजारी प्रकोष्ठ के लगभग 2 साल से अधिक से चल रहे आंदोलन के दबाव के चलते अरविंद केजरीवाल को पुजारी ग्रंथी सम्मान योजना की घोषणा करनी पड़ी है।
अभी तक दिल्ली की महिलाएं अरविंद केजरीवाल से पूछ रही थीं क्या "आप" की पंजाब सरकार राज्य की महिलाओं को कोई सम्मान राशि दे रही हैं। वीरेंद्र सचदेवा ने कहा है की अरविंद केजरीवाल दिल्ली में मौलवियों को वेतन भत्ता देते रहे हैं और भाजपा के विरोध एवं दिल्ली हाई कोर्ट में अधिवक्ता सुश्री रूकमणी सिंह की एक याचिका के चलते वह समझ रहे थे की उनको मौलवियों का वेतन भत्ता बंद करना पड़ेगा, तो केजरीवाल ने कोर्ट को गुमराह करने के लिए यह योजना घोषित की है।
दिल्ली भाजपा अध्यक्ष ने कहा है की दिल्ली की महिलाएं हों, पुजारी एवं ग्रंथी हों सबके पास आज अरविंद से एक सवाल है की क्या आपकी पंजाब की सरकार ऐसा कोई वेतन भत्ता दे रही है।
अधिवक्ता सुश्री रूकमणी सिंह ने कहा की केजरीवाल सरकार ने कोर्ट में स्वीकार किया है कि उसने 1100 से अधिक मौलवी एवं उनके सहायकों को 58 करोड़ रुपए से अधिक वेतन भत्ते में दिए हैं और कोर्ट मे॔ धर्म आधार पर हो रहे इस बंदर बाट पर जवाब देते नही बन रहा और 21 जनवरी की उन्हे कोर्ट में लिखित जवाब देना है और यह घोषणा उसी से जुड़ी है।