भारतीय नौसेना के स्टेल्थ गाइडेड मिसाइल फ्रिगेट INS Tushil ने अपनी पहली यात्रा में पश्चिम अफ्रीका के तट से होते हुए Walvis Bay, नामीबिया का दौरा किया। यह दौरा गुल्फ ऑफ गिनी में सफल गश्त के बाद हुआ और इसका मुख्य उद्देश्य भारत और नामीबिया के बीच द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करना था, विशेषकर समुद्री सहयोग को बढ़ावा देना और साझा खतरों से निपटने पर ध्यान केंद्रित करना था।
दौरे के दौरान आधिकारिक और पेशेवर बैठकें
INS Tushil के कमांडिंग ऑफिसर, कैप्टन पीटर वर्गीज ने Walvis Bay शहर की उपमहापौर, श्रीमती सारा न्दापेवोशाली मुठोंडोका और नामीबियाई नौसेना के कमांडर, रियर एडमिरल जूनियर ग्रेड एराटस लाजारस से मुलाकात की। इस दौरान दोनों देशों के बीच समुद्री सुरक्षा, ऑपरेशनल योजना और अन्य विशेषज्ञताओं पर चर्चा की गई।
खेल और सांस्कृतिक गतिविधियों में भागीदारी
INS Tushil की क्रू ने नामीबियाई नौसेना और पुलिस कर्मचारियों के साथ मिलकर एक दोस्ताना वॉलीबॉल मैच खेला और संयुक्त योग सत्र में भी भाग लिया। इसके अलावा, भारतीय उच्चायोग के कर्मचारियों ने भी इन गतिविधियों में योगदान दिया।
स्थानीय समुदाय के लिए खुला कार्यक्रम
INS Tushil के दौरे का एक अन्य प्रमुख हिस्सा था उसका खुला कार्यक्रम, जिसके तहत Walvis Bay के निवासियों को भारतीय नौसेना के इस युद्धपोत की क्षमताओं को जानने का अवसर मिला। इस कदम से भारतीय नौसेना की लोक सेवाओं और समुद्री शक्ति का परिचय दिया गया।
समुद्री सहयोग को और बढ़ावा
INS Tushil का यह दौरा भारत और नामीबिया के बीच बढ़ते समुद्री सहयोग को दर्शाता है और यह भारतीय नौसेना की क्षेत्रीय शांति और स्थिरता को बढ़ावा देने की प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है।