विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि QUAD सदस्यों के साथ भारत के विभिन्न द्विपक्षीय संबंध बहुत हद तक बढ़ गए हैं। उन्होंने यह बात ऑस्ट्रेलिया के कैनबरा में मंत्रिस्तरीय आयोजन “रायसीना डाउन अंडर” के उद्घाटन सत्र में क्वाड देशों की अहमियत को रेखांकित करते हुए कही। उन्होंने कहा कि सबसे अधिक बदलाव ऑस्ट्रेलिया के साथ हुआ है। आज दोनों देश वार्षिक शिखर सम्मेलन की प्रथा पर राजी हुए हैं। जयशंकर ने कहा कि पिछले तीन सालों में वे पांचवीं बार ऑस्ट्रेलिया के दौरे पर आए हैं।
भारत और चीन के रिश्तों पर भी की बात
एस जयशंकर ने कहा कि देपसांग और डेमचोक में भारत और चीन की सेना का सीमा से पीछे हटना सकारात्मक संकेत है। हमने 21 अक्टूबर को इस बारे में बात की थी, जो सैन्य वापसी के मुद्दे पर समझौते का आखिरी भाग था। भारत ने सेनाओं को अलग करने के तरीकों की तलाश को प्राथमिकता दी। अब सीमा पर गश्त फिर से शुरु हो चुकी है। इससे सैन्य वापसी का अध्याय पूरा हो चुका है। उन्होंने कहा कि 2020 के बाद एलएसी पर चीनी और भारतीय सेनाओं की तैनाती बेहद चिंताजनक थी।
डी-एस्केलेशन को लेकर हो रही है बात
जयशंकर ने कहा कि एलएसी के पास डी-एस्केलेशन को लेकर बात हो रही है। पीएम मोदी और शी जिनपिंग के बीच हाल ही में हुई द्विपक्षीय बैठक में इस बात पर सहमति बनी कि दोनों देशों के विदेश मंत्री और एनएसए अपने समकक्षों से मिलेंगे। विश्व के दो सबसे ज्यादा जनसंख्या वाले देश होने की वजह से दोनों देशों के संबंध काफी चुनौतीपूर्ण हैं।