इनपुट-अंशुमान दुबे, लखनऊ
उत्तर प्रदेश के मुखिया योगी आदित्यनाथ जहां भूमाफियाओं और उनको संरक्षण देने वालों पर कठोर कार्यवाही की बात लगातार करते आ रहे हैं तो वहीं दूसरी तरफ लखनऊ विकास प्राधिकरण के भ्रष्ट अधिकारी भूमाफिया प्रॉपर्टी डीलरों के साथ मिलकर फर्जी कागजों को तैयार कर लखनऊ विकास प्राधिकरण के लंबे समय से खाली पड़े भूखंडों और मकानों को फर्जी भूस्वामियों को खड़ा कर बेच रहे हैं ।
घोटाले के सूत्रधार-
लखनऊ विकास प्राधिकरण के संपत्ति विभाग के अधिकारियों और जालसाजों की मिलीभगत से ये खेल पिछले एक दशक से ज्यादा तेज होता दिखा है जबकि लगभग दो दशकों से ये घोटाला राजधानी लखनऊ में चल रहा है । ऐसे भूखंड जिनके भूस्वामी या तो मर चुके हैं या फिर लंबे समय से अपने भूखंडों और मकानों पर काबिज नहीं हुए हैं । ऐसे ही भूखंडों या मकानों को फर्जी तरीके से जालसाज लखनऊ विकास के भ्रष्ट अधिकारियों की मिलीभगत से नकली दस्तावेज तैयार कर रजिस्ट्री के कागज़ तैयार कर बेच रहे हैं । इसके लिए बकायदा नकली भूस्वामी मालिकों को खड़ा किया जाता है और फिर उसे अन्य लोगों को बेच दिया जाता है और धोखा खाया व्यक्ति कभी ये जान ही नहीं पाता कि उसके साथ कितनी बड़ी ठगी हो गई है ।
हाल ही में विनीत खंड 2 में ऐसा ही एक मामला प्रकाश में आया जिसमे जालसाजों ने लखनऊ विकास प्राधिकरण के भ्रष्ट अधिकारियों की मदद से भूखंड संख्या 5/149 जो कि कैलाशी देवी के नाम पर आवंटित था फर्जी कैलाशी देवी खड़ी कर उनकी तस्वीर लगाकर फर्जी दस्तावेजों के सहारे किसी और को रजिस्ट्री करवा दी । इसी तरह के बहुत सी धोखाधड़ी के मामले गोमती नगर की अनेक योजनाओं में , लखनऊ विकास प्राधिकरण के रक्षा खंड , रत्नाकर खंड , रुचि खंड , सेक्टर एल , जानकी पुरम और बसंत कुंज योजना में भी होने की जानकारी सामने आ रही है ।
विक्रांत खंड सहित गोमतीनगर में ऐसे अनेक प्रकरणों में जालसाजों द्वारा ऐसे प्रकरणों के मामले विभूति खंड मामले कोतवाली में मुकदमा भी दर्ज हो चुका है जिसकी जांच अब भी चल रही है ।
लखनऊ विकास प्राधिकरण के पूर्व उपाध्यक्ष इंद्रमणी त्रिपाठी के बाद वर्तमान उपाध्यक्ष प्रथमेश कुमार भी इस पर कड़ी कार्यवाही की बात कर तो रहे हैं लेकिन ऊपर से लेकर नीचे तक अनेक लोगों की संलिप्तता अब तक राजधानी लखनऊ में ऐसे कई सौ करोड़ का घोटाला करके अपना बड़ा आर्थिक साम्राज्य खड़ी कर चुकी है । अनेक तो इनमें विभिन्न राजनीतिक दलों से जुड़कर बचे भी हुए हैं ।