महाराष्ट्र चुनाव के बीच केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने रविवार यानी 17 नवंबर को राहुल गांधी पर जमकर निशाना साधा है। साथ ही उन्होंने कांग्रेस पर बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि पिछले लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने झूठा प्रचार कर लोगों को गुमराह किया था कि अगर उन्हें 400 सीटें मिलेंगी तो वे संविधान बदल देंगे। किसी को भी कांग्रेस नेता राहुल गांधी को गंभीरता से नहीं लेना चाहिए।
वहीं, बीजेपी अध्यक्ष बनने को लेकर नितिन गडकरी ने कहा, 'मैं पहले भी बीजेपी अध्यक्ष रह चुका हूं और अब मुझे इस पद की कोई चाहत नहीं है। नितिन गडकरी ने राहुल गांधी पर हमला बोलते हुए कहा कि, ''राहुल गांधी जिस तरह से बोलते हैं, उन्हें कोई नहीं सुन सकता।' गंभीरता से नहीं लेता। मुझे लगता है कि लोगों को उनकी बातों को गंभीरता से नहीं लेना चाहिए।” महाराष्ट्र की जनता 20 नवंबर को होने वाले राज्य विधानसभा चुनाव में भाजपा के नेतृत्व वाले महायुति गठबंधन पर भरोसा जताएगी। वहीं, राहुल गांधी के 'जो बिडेन की तरह, मोदी जी को भी भूलने की बीमारी हो गई है' वाले बयान पर गडकरी ने कहा कि, ' वह गैरजिम्मेदाराना ढंग से बात करते हैं।'
संविधान बदलने का सवाल ही नहीं उठता
लोकसभा चुनाव में निराशाजनक प्रदर्शन के बाद महायुति गठबंधन की चुनौतियों के बारे में पूछे जाने पर केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि, 'यह एजेंडा गढ़ा गया ता कि अगर हम 400 से अधिक सीट जाती जाएंगे तो हम बाबासाहेब आंबेडकर द्वारा लिखा संविधान बदल देंगे।' उन्होंने आगे कहा कि, "संविधान बदलने का सवाल ही नहीं उठता, न तो हम इसे करेंगे और न ही दूसरों को करने देंगे।"
केंद्रीय मंत्री ने आगे कहा कि, अब लोगों को एहसास हो गया है कि लोकसभा चुनाव के दौरान विपक्ष का प्रचार अभियान झूठ पर आधारित था और उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में महाराष्ट्र में सकारात्मकता के साथ महायुति का समर्थन करने का फैसला लिया है। बंटेंगे तो कटेंगे जैसे नारे लगाने के बारे पर नितिन गडकरी ने कहा कि, 'हम विकास के मुद्दे पर चुनाव लड़ रहे है। हम सब एक है, कोई मंदिर जाता है, कोई मस्जिद, गुरुद्वारा और चर्च जाता है। लेकिन हम सब भारतीय है और हमारे लिए सबसे ऊपर देश है।'
'आतंकवाद और नक्सलवाद के खिलाफ एकजुट के लिए है आह्वान'
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की 'बांटेंगे तो काटेंगे' टिप्पणी पर महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री अजीत पवार के विरोध के बारे में पूछे जाने पर, गडकरी ने कहा, "सबसे पहले, हम अलग-अलग पार्टियां हैं और यह जरूरी नहीं है कि हमारी अलग-अलग पार्टियां हों।" एक ही राय है। मीडिया भी इसे तोड़-मरोड़ कर पेश करता है। इससे भ्रम पैदा होता है, एकता का आह्वान आतंकवाद और नक्सलवाद के खिलाफ एकजुट करने के लिए है। वहीं, जब राहुल गांधी ने जाति जनगणना का मुद्दा उठाया तो उन्होंने कहा, ''असली मुद्दा गांव, गरीब और किसानों का कल्याण है।'' गरीबों की कोई जाति और धर्म नहीं होता। एक मुसलमान को भी दूसरों के बराबर ही पेट्रोल मिलता है।