पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने कहा कि प्रत्येक हिंदू को माला और भाला दोनों रखना चाहिए। यह बात उन्होंने राजस्थान के भीलवाड़ा शहर के कुमुद विहार में हनुमंत कथा के दौरान पत्रकारों से बात-चीत करते हुए कही। उन्होंने कहा कि देश में या तो वक्फ बोर्ड बंद होना चाहिए या फिर सनातन बोर्ड का गठन होना चाहिए। साथ ही, राजनीति में धर्म का इस्तेमाल वोटबैंक के लिए नहीं होना चाहिए।
धीरेंद्र शास्त्री ने क्या कहा?
पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने कहा कि यह देश का बड़ा दुर्भाग्य है कि कुंभ में गैर-हिंदुओं की दुकान लगती है, जो नहीं लगनी चाहिए। ऐसा इसलिए क्योंकि वो हिन्दू शास्त्र और रीति-रिवाज के बारे में नहीं जानते हैं। पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने कहा कि इस हनुमंतकथा का मुख्य उद्देश्य देश के हिन्दू समाज में व्याप्त जाति-पाति को समाप्त करना है। ताकि हिन्दुओं का आपसी बिखराव समाप्त हो और वो एक हो। साथ ही, पिछड़ों को आगे आने का मौका मिले। इससे राष्ट्र समृद्ध होगा। दरअसल, शहर के कुमुद विहार में हनुमान टेकरी के महंत बनवारी शरण जी काठिया बाबा के सानिध्य में पांच दिवसीय कथा का आयोजन हो रहा है।
राजनीति में धर्म का उपयोग नहीं होना चाहिए
पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने कहा कि राजनीति होनी चाहिए, किंतु राजनीति में धर्म का इस्तेमाल और वो भी वोटबैंक के लिए नहीं होना चाहिए। देश का दुर्भाग्य है कि राजनीति में धर्म का प्रयोग हो रहा है। राजनेता अपनी रोटी सेंकने के लिए राजनीति में धर्म का उपयोग कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि धर्म से राजनीति चलती है, न कि राजनीति से धर्म। राजनीति में धर्म नहीं है तो समझ लो कि राजनीति अंधी है।