इनपुट-अंशुमान दुबे, लखनऊ
मण्डलायुक्त डा0 रोशन जैकब की अध्यक्षता में धान क्रय किये जाने के सम्बन्ध में महत्वपूर्ण बैठक का आयोजन आयुक्त सभागार कार्यालय में आहूत किया गया। इस अवसर पर अपर आयुक्त न्यायिक घनश्याम सिंह क्षेत्रीय खाद्यय नियंत्रक, सभी जनपदों के ए0आर0एम0ओ0 सहित संबंधित अधिकारीगण उपस्थित रहे। उन्होंने धान क्रय से सम्बन्धित अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिये।
मण्डलायुक्त ने सम्बन्धित अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि किसानों का धान क्रय का भुगतान बिना किसी विलम्ब के ससमय कराया जाये। उन्होंने कहा कि धान क्रय के उपरान्त 48 घण्टे में किसानों का भुकतान सभी संबंधित संस्थाएं करना सुनिश्चित करे। छोटे और मध्यम वर्गी किसानों से प्राथमिकता के आधार पर धान क्रय किया जाये। सभी धान क्रय केन्द्रों का गुणवत्तापूर्ण एवं पारदर्शी ढंग से संचालन किया जाये। उन्होंने निर्देश दिये कि सम्बन्धित अधिकारी प्रत्येक सप्ताह धान क्रय केन्द्रों का निरीक्षण करते रहे और प्रतिदिन क्रय सेन्टरों का फीडबैक लेते रहे। किसानों को किसी भी प्रकार की समस्या न उत्पन्न होने पाये।
बैठक के दौरान सम्बन्धित अधिकारियों द्वारा बताया गया कि मण्डल में 7,82000 मैट्रिक टन धान क्रय का लक्ष्य निर्धारित है। लखनऊ में 30 धान कर केंद्र खोले जाने का लक्ष्य है। मण्डल के सभी क्रय सेन्टरों को क्रियाशील कर दिया गया है। जिसके दौरान 01 अक्टूबर से धान क्रय केन्द्र पर खरीद प्रारम्भ कर दी जाएगी। इसी के क्रम में मण्डल के सभी जनपदों के धान क्रय केन्द्र का मण्डलायुक्त द्वारा फीडबैक लिया गया। संबंधित अधिकारी द्वारा बताया गया कि जनपद हरदोई, सीतापुर, लखीमपुर खीरी एवं रायबरेली, उन्नाव में स्थापित कुल 427 क्रय केन्द्रों खोले गए हैं। मंडल में 512 केंद्रों को खोलने का लक्ष्य निर्धारित है।
मंडलायुक्त ने कहा कि प्रत्येक क्रय केन्द्र पर उपकरणों (इलेक्ट्रॉनिक काँटा, नमी मापक यंत्र व विनोईंग फैन एवं ई-पॉप मशीन) की उपलब्धता शतप्रतिशत सुनिश्चित करने के निर्देश दिए साथ ही उन्होंने कहा कि शासन के मंशानुरूप पारदर्शी ढंग से गुणवत्तापरक धान क्रय एवं कृषकों को त्वरित भुगतान कराया जाना सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने कहा कि सभी धान क्रय केंद्रों पर होल्डिंग व बैनर भी लगाया जाना सुनिश्चित किया जाये साथ ही उन्होंने कहा कि सेंटर वाइज धान क्रय का संबंधित अधिकारी द्वारा स्वयं समीक्षा किया जाय। उन धान खरीद केंद्रों पर विशेष फोकस किया जाए जिन केंद्रों कि पिछले वर्ष लक्ष्य के सापेक्ष खरीद अच्छी नहीं हुई ।