ताजपुर मांझा गांव में तीन सफाईकर्मियों की नियुक्ति के बावजूद गंदगी का अंबार लगा हुआ है और बजबजा रही नालियां गंभीर बीमारियों को招िक कर रही हैं। सड़क पर बहता पानी गांव की स्वच्छता अभियान की विफलता को दर्शाता है।
सुदर्शन न्यूज की टीम ने ग्रामीणों की शिकायत पर गांव का दौरा किया, लेकिन तीनों सफाईकर्मी वहां नहीं मिले। जब गांव के प्रधान से सफाईकर्मियों की संख्या और बंद सामुदायिक शौचालय के बारे में जानकारी प्राप्त करने की कोशिश की गई, तो प्रधान को इस बारे में कोई जानकारी नहीं थी। प्रधान ने बताया कि टैंक एक महीने से भरा हुआ है और ब्लॉक में शिकायत की गई है कि अधिकारी इसे कब साफ करेंगे। ग्रामीणों का कहना है कि सफाईकर्मी नहीं आते और सामुदायिक शौचालय पिछले पांच-छह महीने से बंद है।
इन सभी स्थितियों से प्रतीत होता है कि प्रधान और सफाईकर्मी मिलकर सरकारी योजनाओं और राजस्व को ठग रहे हैं। अब देखना यह है कि डीपीआरओ और सीडीओ इस मामले में क्या कार्रवाई करते हैं।