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Sunita Williams: बिना यात्री ही धरती पर लौटा स्टारलाइनर, कैसे वापसी करेंगी सुनीता विलियम्स और आखिर क्या है नासा का ये मिशन? पढ़ें सबकुछ

इस मिशन के तहत नासा ने अपने दो अंतरिक्ष यात्री भारतीय मूल की सुनीता विलियम्स और बैरी बुच विल्मोर को आठ दिन की यात्रा पर भेजा.

Geeta
  • Sep 7 2024 12:24PM
नासा एस्ट्रोनॉट्स सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर को अंतरिक्ष में ले जाना वाला स्पेसक्राफ्ट पृथ्वी पर वापस आ गया है. भारतीय समयानुसार सुबह करीब 9:30 बजे स्टारलाइनर स्पेसक्राफ्ट की न्यू मेक्सिको के व्हाइट सैंड स्पेस हार्बर में लैंडिंग हुई.
 
बता दें कि, भारतवंशी अमेरिकी एस्ट्रोनॉट सुनीता विलियम्स और बुच विलमोर को स्पेस स्टेशन पर अटका कर बोईंग का स्टारलाइनर आखिरकार तीन महीने बाद धरती पर लौटा. नासा एस्ट्रोनॉट्स सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर अगले साल फरवरी में वापस लौटेंगे.

 

गौरतलब है कि, 5 जून को जब स्टारलाइनर दोनों अंतरिक्ष यात्रियों को लेकर स्पेस स्टेशन पहुंचा था, तब तकनीकी खामी के चलते इसकी तय समय पर वापसी नहीं हो पाई थी. दरअसल, जून के पहले हफ्ते में बोइंग स्टारलाइनर स्पेसक्राफ्ट सुनीता और बुच को अंतरिक्ष में ले गया था. इसके बाद उसमें टेक्निकल दिक्कत आ गई थी और दोनों एस्ट्रोनॉट्स पृथ्वी पर वापस नहीं आ पाए थे. अब ये स्पेसक्राफ्ट बिना क्रू के पृथ्वी पर वापस लैंड कर चुका है.

नासा के मुताबिक स्टारलाइनर भारतीय समयानुसार सुबह 3:30 बजे स्पेस स्टेशन से अलग हुआ था और सुबह 9 बजकर 32 मिनट पर अमेरिक के न्यू मेक्सिको के व्हाइट सैंड स्पेस हॉर्बर में लैंड हुआ. यह रेगिस्तानी इलाका है. स्टारलाइनर की लैंडिंग के वीडियो में साफ तौर पर देखा जा सकता है कि लैंड होने से ठीक पहले स्पेसक्राफ्ट के 3 पैराशूट खुल गए और वह सुरक्षित धरती पर लैंडिंग करने में कामयाब रहा.

 

क्या है नासा का मिशन?

 

बता दें कि, नासा का लक्ष्य है कि वह अमेरिका के निजी उद्योग के साथ साझेदारी में अमेरिका से अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन तक सुरक्षित, विश्वसनीय और कम लागत के मानव मिशन भेजे. इसी कड़ी में 5 जून 2024 को नासा का बोइंग क्रू फ्लाइट टेस्ट मिशन लॉन्च किया गया था.
 
इस मिशन के तहत नासा ने अपने दो अंतरिक्ष यात्री भारतीय मूल की सुनीता विलियम्स और बैरी बुच विल्मोर को आठ दिन की यात्रा पर भेजा. दोनों को स्टारलाइनर अंतरिक्ष यान के जरिए मिशन में भेजा गया था.
 
इस मिशन का लक्ष्य अंतरिक्ष स्टेशन पर छह महीने के रोटेशनल मिशन को अंजाम देने की स्टारलाइनर की क्षमता को दिखाना था। लंबी अवधि की उड़ानों से पहले तैयारी को परखने के लिए जरूरी परफॉर्मेंस डेटा जुटाया जा सके, इसके लिए क्रू उड़ान परीक्षण को बनाया गया था.

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