भारतीय प्रवर्तन निदेशालय ने कथित वोट जिहाद मामले में बड़ा एक्शन लिया है। इस मामले के तहत ईडी ने महाराष्ट्र और गुजरात के 24 स्थानों पर छापेमारी की है। दरअसल, यह मामला मुख्य रूप से फर्जी दस्तावेजों और फर्जी KYC के जरिए बड़े पैमाने पर बैंक खाते खोलने से जुड़ा है। ईडी के अनुसार, ये छापेमारी खास तौर पर वित्तीय धोखाधड़ी और अवैध रूप से बड़ी संख्या में बैंक खाते खोलने के मामलों में की जा रही है।
सुदर्शन न्यूज़ के प्रधान संपादक श्री सुरेश चव्हाणके जी ने लगातार वोट जिहाद के मुद्दे को उठाते आ रहे है और इसका जमकर विरोध करते आ रहे है। जिसका असर अब देखने को मिल रहा है। जानकारी के अनुसार, ईडी की जांच में पता चला है कि, कथित तौर पर कई बैंक खाते फर्जी दस्तावेजों और फर्जी केवाईसी के जरिए खोले गए थे। आरोप है कि इन अकाउंट्स का इस्तेमाल वोट जिहाद के लिए किया गया था और चुनाव में धोखाधड़ी करने की कोशिश की जा रही थी। ऐसे मामलों में बैंकिंग प्रणाली का दुरुपयोग कर जन प्रतिनिधित्व और लोकतांत्रिक प्रक्रिया को प्रभावित करने का प्रयास किया गया था।
कहां मारी गई छापेमारी
ईडी की मानें तो छापेमारी महाराष्ट्र और गुजरात के कई प्रमुख स्थानों पर चल रही है। ईडी ने अहमदाबाद में 13 स्थानों पर, सूरत में 3 जगहों पर, मालेगाव में 2 जगहों पर, नासिक में 1 स्थान पर और मुंबई में 5 स्थानों पर एक साथ छापेमारी कर रही है। इस छापेमारी के दौरान कई दस्तावेज और सबूत जुटाए गए हैं जो जांच की दिशा में अहम हो सकते हैं।
इस मामले को लेकर जांच एजेंसी ने साफ कर दिया है कि मामले की गंभीरता को ध्यान में रखते हुए सभी पहलुओं की जांच की जाएगी। जिनके खिलाफ कार्रवाई की जा रही है उन्हें जांच में शामिल किया जाएगा। जिनके खिलाफ कार्रवाई की जा रही है उन्हें जांच में शामिल किया जाएगा। इसके अलावा इस तरह की धोखाधड़ी को रोकने के लिए बैंकिंग और अन्य वित्तीय संस्थानों से भी कड़ी निगरानी की उम्मीद की जा रही है। यह मामला भारतीय लोकतंत्र में चुनावी प्रक्रिया और बैंकिंग तंत्र से जुड़ी गंभीर चिंताओं को उजागर करता है। ईडी की जांच का उद्देश्य ऐसे मामलों की पहचान करना और अवैध गतिविधियों को रोकने के लिए जरुरी कार्रवाई करना है।