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'इस्लाम में नहीं है महिलाओं का सम्मान, डर से धर्म त्यागा था पूर्वजों ने'...बरेली के मंदिर में मुस्कान सैफी की घर वापसी,राजेश को जीवन साथी चुन कर कहा- तीन तलाक और हलाला से लगता था डर

उत्तर प्रदेश के बरेली में एक लड़की ने इस्लाम त्याग कर के घर वापसी कर के हिंदू धर्म में शामिल होने का निर्णय लिया है

Sumant Kashyap
  • Jul 1 2024 3:00PM

उत्तर प्रदेश के बरेली में एक लड़की ने इस्लाम त्याग कर के घर वापसी कर के हिंदू धर्म में शामिल होने का निर्णय लिया है. बताया जा रहा है कि लड़की का नाम मुस्कान सैफी है जो अब खुशी नाम से जानी जाएंगी. साथ ही खुशी ने राजेश कुमार से मंदिर में विवाह भी किया है. इस दौरान खुशी और राजेश ने वैदिक विधि-विधान से हवन किया और गायत्री मंत्र का जाप किया. 

जानकारी के अनुसार, यह विवाह 30 जून को अगत्स्य मुनि आश्रम में सम्पन्न हुआ है. बता दें कि इस दौरान हिंदू संगठनों के साथ आचार्य पंडित के के शंखधर ने वर और वधू को आशीर्वाद दिया. बता दें कि मुस्कान सैफी मूल रूप से दिल्ली के संगम विहार की रहने वाली हैं. उनके पिता पहले हिंदू थे लेकिन दिल्ली में एक मुस्लिम महिला से निकाह करने के बाद उन्होंने इस्लाम कबूल कर लिया था. 

वहीं, कुछ पहले मुस्कान ने सोशल मीडिया के माध्यम से बरेली के इज्जत नगर के राजेश कुमार से बातचीत शुरू की थी. दोनों अच्छे दोस्त बन गए. वही, ये दोस्ती धीरे-धीरे प्यार में बदल गई. जानकारी के मुताबीक 19 साल के मुस्कान और 23 साल के राजेश शादी करना चाहते थे लेकिन उनके परिजन इस रिश्ते के खिलाफ थे. मुस्कान पर तो तमाम पाबंदियां भी कायम कर दी गई. 

मुस्कान के प्रेमी राजेश ने अपनी प्रेमिका से शादी के प्रयास जारी रखे. उन्हें अगत्स्य मुनि आश्रम के बारे में जानकारी मिली. बीते रविवार को राजेश बरेली से और मुस्कान सैफी दिल्ली से आश्रम पर अपने कुछ परिचितों के साथ पहुंची. उन्होंने आश्रम के पुजारी पंडित के के शंखधर से अपना विवाह करवाने की गुजारिश की. पंडित शंखधर ने दोनों के कागजात देखे. इन तमाम कागजातों में मुस्कान का वो शपथ पत्र भी है जिसमें वो अपनी घर वापसी व शादी बिना किसी के दबाव में स्वेच्छा से बता रहीं हैं.

मुस्कान सैफी ने बताया कि उनकी बचपन से हिंदू धर्म में आस्था थी. मुस्कान ने यह भी लिखित तौर पर दिया है कि उन्हें पता है कि उनके पूर्वज हिंदू थे जो कई तरह के अत्याचारों की वजह से धर्मांतरित हो गए थे. उन्होंने आगे कहा कि इस्लाम में महिलाओं का सम्मान नहीं है और वो तीन तलाक व हलाला जैसी कुप्रथाओं से डरती हैं. शादी के बाद मुस्कान ख़ुशी-ख़ुशी अपनी ससुराल चली गईं हैं.

 

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