भारत के रक्षा आधुनिकीकरण में एक महत्वपूर्ण कदम बढ़ते हुए भारतीय वायु सेना, भारतीय सेना ने फेडरेशन ऑफ इंडियन चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (FICCI) के साथ साझेदारी में, वारी ला दर्रे, लद्दाख में ऐतिहासिक HIM-DRONE-A-THON 2 का समापन किया।
17 और 18 सितंबर तक आयोजित इस कार्यक्रम में अत्यधिक ऊंचाई वाले अनुप्रयोगों के लिए तैयार की गई अत्याधुनिक स्वदेशी ड्रोन तकनीक का प्रदर्शन किया गया। प्रौद्योगिकी अवशोषण के जरिए सैन्य तैयारियों के प्रति भारतीय सेना की दूरदर्शी रणनीति को दिखाता है।
चुनौतीपूर्ण इलाकों में ड्रोन टेक्नॉलजी की तैनाती
कार्यक्रम के दूसरे दिन 8 प्रमुख ड्रोन निर्माताओं ने भाग लिया, इस कार्यक्रम में 15 बेहतरीन ड्रोन का प्रदर्शन किया गया, जिसमें निगरानी और फर्स्ट-पर्सन व्यू (FPV) संचालन पर ध्यान केंद्रित किया गया। 15,000 फीट से अधिक की ऊंचाई वाले वारी ला के कठिन वातावरण में कड़ाई से परीक्षण किए गए। इन ड्रोनों ने असाधारण लचीलापन और अनुकूलनशीलता का प्रदर्शन किया, जिससे सबसे चुनौतीपूर्ण इलाकों में ड्रोन टेक्नॉलजी को तैनात करने की भारत की क्षमता मजबूत हुई है।
भारतीय सेना और वायु सेना के वरिष्ठ अधिकारी इस कार्यक्रम में शामिल हुए। लेफ्टिनेंट जनरल हितेश भल्ला, SC**, SM, VSM, फायर एंड फ्यूरी कोर के जनरल ऑफिसर कमांडिंग ने भी इस कार्यक्रम में भाग लिया और आधुनिक युद्ध में नवाचार और स्वदेशी तकनीकी प्रगति के महत्व को रेखांकित किया। लेफ्टिनेंट जनरल भल्ला और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लेने वाली कंपनियों की उनके अत्याधुनिक समाधानों के लिए प्रशंसा की। वहीं, पारंपरिक और गैर-पारंपरिक दोनों युद्धों में ड्रोन की परिवर्तनकारी भूमिका पर जोर दिया।