पश्चिम बंगाल में सीएम ममता बनर्जी को लेकर एक बार फिर से सियासत गरमा गई है. बता दें कि, सीएम ममता को लेकर कांग्रेस में एक बार फिर से अंदरूनी कलह देखने को मिल रही है. दरअसल, पश्चिम बंगाल कांग्रेस के अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी ने ममता बनर्जी पर झूठ बोलने का आरोप लगाया.
गौरतलब है कि, ममता बनर्जी ने आरोप लगाया था कि नीति आयोग की बैठक में उन्हें अपनी बात पूरी करने की अनुमति नहीं दी गई और उनका माइक्रोफोन बंद कर दिया गया. नीति आयोग की बैठक में ममता के साथ हुए दुर्व्यवहार के मामले में दिल्ली में कांग्रेस नेतृत्व टीएमसी मुखिया के समर्थन में आया. दिल्ली में कांग्रेस नेतृत्व ने कहा कि नीति आयोग की बैठक में ममता बनर्जी के साथ जो व्यवहार किया गया है, वह अस्वीकार्य है.
मामले को लेकर कांग्रेस के महासचिव जयराम रमेश ने एक्स पर लिखा, "यह सभी भिन्न और असहमत दृष्टिकोणों को दबा देता है, जो एक खुले लोकतंत्र का सार है. इसकी बैठकें एक तमाशा हैं.
आज पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री के साथ उनका व्यवहार, अस्वीकार्य है. नीति आयोग में अपने संबोधन में गैर-जैविक प्रधानमंत्री को यह अहसास हुआ है कि भारत को अंतर्राष्ट्रीय निवेश यानी एफडीआई के लिए अनुकूल नीतियां बनाने की जरूरत है. दस वर्षों तक उन्होंने वास्तव में भय, छल और धमकी को प्रोत्साहित किया और अब वह उपदेश दे रहे हैं.
वहीं दूसरी तरफ अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि नीति आयोग की बैठक को लेकर ममता बनर्जी की ओर से किए गए सभी दावे झूठे हैं. अधीर रंजन चौधरी ने शनिवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को पत्र लिखकर कहा कि पश्चिम बंगाल अराजक स्थिति में है और राज्य में कानून व्यवस्था बहाल करने के लिए राष्ट्रपति के हस्तक्षेप की मांग की.
अधीर रंजन चौधरी ने पत्र में कहा, “मैं पश्चिम बंगाल में सार्वजनिक जीवन में शिष्टाचार और कानून और व्यवस्था बहाल करने में आपके हस्तक्षेप की मांग करना चाहता हूं. मेरे लिए, व्यक्तिगत स्तर पर, राज्य में अराजक स्थिति को देखना न केवल परेशान करने वाला है, बल्कि बहुत पीड़ादायक भी है, क्योंकि सत्तारूढ़ पार्टी ने विपक्ष के कार्यकर्ताओं, समर्थकों और समर्थकों के साथ क्रूर व्यवहार किया है.”