नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) इस समय भारत में नशीले पदार्थों के खिलाफ बड़ा अभियान चला रही है। खासकर ऑपरेशन सागर मंथन के तहत एनसीबी ने वांटेड तस्कर और ड्रग डीलर हाजी सलीम के पूरे साम्राज्य को ध्वस्त करने का जिम्मा उठाया है। खास बात ये है कि एजेंसी को ये काम खुद गृह मंत्री अमित शाह ने सौंपा है।
बताया गया है कि 'ड्रग डीलर' के नाम से मशहूर हाजी सलीम के खिलाफ यह अभियान केंद्रीय गृह मंत्री शाह के निर्देश पर शुरू किया गया था। उन्होंने हाजी सलीम उर्फ हाजी बलूच की तस्करी गतिविधियों को रोकने और उसे गिरफ्तार करने के भी निर्देश दिए हैं। हाजी सलीम का नशीले पदार्थों की तस्करी का जाल पूरी दुनिया में फैला है।
इस अभियान के तहत अब तक सलीम की संस्था से सीधे तौर पर जुड़ी 4000 किलोग्राम अवैध दवाएं जब्त की जा चुकी हैं. इसके अलावा कई पाकिस्तानी भी इनकी तस्करी के मामले में पकड़े गए हैं। माना जा रहा है कि हाजी सलीम का आपराधिक नेटवर्क भारत और पाकिस्तान समेत कई देशों में ड्रग तस्करी के लिए पाइपलाइन की तरह काम कर रहा है।
कहां-कहां फैला है हाजी सलीम का ड्रग्स नेटवर्क का जाल?
नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो के उप निदेशक ज्ञानेश्वर सिंह के अनुसार, "हाजी सलीम दुनिया के सबसे बड़े ड्रग तस्करों में से एक है। वह एशिया, अफ्रीका और पश्चिमी देशों में हेरोइन, मेथमफेटामाइन और अन्य अवैध ड्रग्स की आपूर्ति करता है।" सलीम कथित तौर पर तस्करों के एक संगठन का नेता है जो मॉरीशस, श्रीलंका और मालदीव तक पहुंच चुका है।अमेरिका, मलेशिया, ईरान, श्रीलंका, मॉरीशस, न्यूजीलैंड और अफगानिस्तान की कानूनी एजेंसियां उसकी तलाश में जुटी हैं।
आतंकियों की फंडिंग के काम आते हैं ड्रग्स के धंधे से जुड़ी रकम
एनसीबी अधिकारी के मुताबिक हाजी सलीम हिंद महासागर क्षेत्र का मोस्ट वांटेड ड्रग तस्कर है. उसका तस्करी का नेटवर्क काफी बड़ा है. उसका नेटवर्क नार्को-आतंकवादी गतिविधियों से जुड़ा है, जो न केवल समाज के लिए खतरा है, बल्कि भारत के खिलाफ आतंकवादी अभियानों के लिए धन जुटाने में भी मदद करता है।
अधिकारियों का कहना है कि हाजी सलीम के ड्रग्स सिंडिकेट का पहली बार खुलासा 2015 में हुआ था, जब केरल के तट से करोड़ों रुपये के नशीले पदार्थ जब्त किए गए थे। इसके बाद पिछले ढाई साल में एनसीबी के अधिकारियों ने 40 हजार करोड़ रुपये की ड्रग्स जब्त की है। गिरफ्तारी और बरामदगी के बावजूद, सलीम ने तस्करी जारी रखी और अपना उपनाम 'रक्तबीज' बना लिया।
पोरबंदर से जब्त की गई 2 हजार करोड़ की ड्रग्स
इस अभियान के तहत शनिवार को गुजरात के पोरबंदर में 2 हजार करोड़ रुपये की ड्रग्स जब्त की गई. गुजरात एटीएस और एनसीबी के संयुक्त ऑपरेशन के दौरान 700 किलो ड्रग्स जब्त किया गया. ये ड्रग्स ईरानी नाव से लाया जा रहा था। जांच अधिकारियों को संदेह है कि ये ड्रग्स पाकिस्तान की आईएसआई द्वारा भारत भेजा गया था। सलीम माफिया की इस खेप के पीछे पाकिस्तान में मौजूद ड्रग्स माफिया का हाथ हो सकता है। आपको बता दें कि इसी साल मार्च महीने में एटीएस ने एक ऑपरेशन के तहत 6 पाकिस्तानी नागरिकों को गिरफ्तार किया था. इन 6 लोगों के पास से टीम ने भारी मात्रा में ड्रग्स बरामद किया था।
कौन है हाजी सलीम?
हाजी सलीम को दाऊद इब्राहिम का करीबी बताया जाता है। वह डी कंपनी के कामकाज पर भी नजर रखता है। हाजी सलीम पाकिस्तान से नशे का अंतरराष्ट्रीय कारोबार चलाता है। हाजी सलीम पर एनसीबी कई सालों से नजर रख रही है। उसकी हजारों करोड़ की खेप जब्त कर ली गई है। नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो के उप महानिदेशक ज्ञानेश्वर सिंह ने कहा कि, "हाजी सलीम दुनिया के सबसे बड़े ड्रग तस्करों में से एक है। जो एशिया, अफ्रीका और पश्चिम में फैले एक जटिल नेटवर्क के माध्यम से हेरोइन, मेथामफेटामाइन और अन्य अवैध नशीले पदार्थों की बड़ी खेप की आपूर्ति करता है।"उन्होंने आगे कहा कि उसका एक बहुत बड़ा नेटवर्क है। वह लंबे समय से हमारे रडार पर है, लेकिन इस मामले में, मैं हाजी सलीम या किसी और के नाम पर टिप्पणी नहीं करना चाहूंगा क्योंकि जांच अभी भी बहुत प्रारंभिक चरण में है।"