बिहार की राजधानी पटना में हाल ही में एक महत्वपूर्ण खोज हुई है। यहां एक प्राचीन मंदिर का पता चला है, जिसे कई सालों से कूड़े-कचरे से भरी जमीन में दबा हुआ था। यह मंदिर एक मठ के नाम पर छोड़ी गई भूमि पर स्थित था। मंदिर में एक शिवलिंग और दो पदचिन्ह पाए गए हैं, जो इसके धार्मिक महत्व को दर्शाते हैं।
स्थानीय लोगों की पहल और पूजा
मंदिर की खुदाई स्थानीय लोगों ने की थी, जिन्होंने इसे साफ-सफाई के बाद पूजा-पाठ करना शुरू कर दिया। इन लोगों का मानना है कि मंदिर किसी खास धातु से बना हुआ है, और दीवारों से लगातार पानी रिसने की जानकारी दी गई है। चिकने काले पत्थर से बने इस मंदिर में शिवलिंग और पदचिन्हों का मिलना इसे और भी अधिक ऐतिहासिक महत्व प्रदान करता है।
मंदिर की संभावना 15वीं शताब्दी का
मंदिर की खोज के बाद इसे लेकर विभिन्न अनुमान लगाए जा रहे हैं। कुछ विशेषज्ञ मानते हैं कि यह मंदिर 15वीं शताब्दी का हो सकता है, हालांकि इसकी सही पहचान अभी तक नहीं हो पाई है। पुराने समय के अवशेष मिलने के कारण इसे लेकर जिज्ञासा और उत्सुकता बनी हुई है। यहां पूजा की शुरुआत हो चुकी है और लोग इसे देखनें के लिए आ रहे हैं।
पटना में पुरानी खोजें और इस बार की विशेषता
पटना के पुराने इलाकों में इस तरह की खोजें पहले भी हो चुकी हैं, जहां पुराने घरों से मंदिरों के अवशेष मिले थे। लेकिन यह पहली बार है जब पटना सिटी क्षेत्र में मंदिर जैसा ढांचा और शिवलिंग के अवशेष मिले हैं। यह जमीन पहले किसी मठ के नाम पर छोड़ दी गई थी और कूड़ा-कचरा जमा होने के कारण इसका ध्यान नहीं रखा गया था। अब यह जगह एक पूजा स्थल बन चुकी है।
अधिकारियों की जांच बाकी
हालांकि इस मंदिर के बारे में अभी तक कोई आधिकारिक जानकारी नहीं आई है, लेकिन इस खोज से पटना में इतिहास और संस्कृति के प्रति लोगों की रुचि और बढ़ गई है। अधिकारियों का कहना है कि इस खोज का सही विवरण जल्द ही सामने आएगा।