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'बांग्लादेशी-रोहिंग्या घुसपैठियों पर हो कार्रवाई...', महाराष्ट्र DGP से मिलें धर्म योद्धा डॉ सुरेश चव्हाणके जी, राज्य की सुरक्षा को लेकर रखी मांग

Maharashtra: 'घूसखोर मुक्त महाराष्ट्र' के लिए तत्पर श्री सुरेश चव्हाणके जी ने पुलिस महानिदेशक संजय वर्मा को घुसपैठियों पर कड़ी कार्रवाई के लिए दिया ज्ञापन।

Ravi Rohan
  • Nov 18 2024 5:01PM

महाराष्ट्र में घुसपैठियों पर नकेल कसने के लिए सुदर्शन न्यूज के प्रधान संपादक धर्म योद्धा डॉ सुरेश चव्हाणके जी ने आज यानी सोमवार को महाराष्ट्र पुलिस प्रमुख DGP संजय वर्मा को आवेदन सौंपा। साथ में जानकारी दी कि, राज्य में कहाँ पर कितनी अवैध बस्तियां बसायी गयी है और घुसपैठिए कैसे चुनाव को प्रभावित कर सकते है। 

महाराष्ट्र की नागरिक समाज (Civil Society of Maharashtra) के प्रमुख के तौर पर श्री सुरेश चव्हाणके जी ने राज्य में बढ़ती बांग्लादेशी-रोहिंग्या घुसपैठ से संबंधित गंभीर मुद्दे उठाते हुए DGP संजय वर्मा को जानकारी पहुंचाई। सोमवार को मुलाकात के दौरान DGP को ज्ञापन सौंपते हुए श्री चव्हाणके जी ने बताया कि राज्य में करीब 80 लाख से 1 करोड़ घुसपैठिए अवैध रूप से रह रहे हैं, जो न केवल स्थानीय जनजीवन को प्रभावित कर रहे हैं बल्कि राज्य की लोकतांत्रिक प्रक्रिया को भी गंभीर रूप से बाधित करने में जुटे हैं।

डॉ सुरेश चव्हाणके जी ने इन लिखित तौर पर बांग्लादेशी-रोहिंग्या घुसपैठियों द्वारा होने वाली तीन प्रकार की समस्याओं को प्रशासन के समक्ष रखा, यानी, घुसपैठियों से बोगस मतदान का खतरा, सुरक्षा को खतरा और इनसे होने वाला जनसांख्यिकीय प्रभाव।

समस्याएं:

1. बोगस मतदान का खतरा: घुसपैठियों की भागीदारी के कारण बोगस मतदान की घटनाएं बढ़ रही हैं, जिससे लोकतांत्रिक प्रक्रिया कमजोर हो रही है।
2. सुरक्षा को खतरा: घुसपैठियों की बड़ी संख्या राज्य और देश की आंतरिक और बाहरी सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा पैदा कर रही है।
3. जनसांख्यिकीय प्रभाव: इन घुसपैठियों के कारण स्थानीय जनसंख्या का संतुलन बिगड़ रहा है और सांस्कृतिक-सामाजिक समस्याएं उत्पन्न हो रही हैं।

समस्याओं के साथ ही समाधान सुझाते हुए धर्म योद्धा श्री सुरेश चव्हानके जी ने कुछ प्रमुख मांगों का भी उल्लेख किया है। राज्य की शांति, सुरक्षा और चुनावी पारदर्शिता बनाए रखने के लिए निम्नलिखित कदम तुरंत उठाए जाएं:

1. सार्वजनिक चेतावनी: 
   - 19 नवंबर को महाराष्ट्र पुलिस और चुनाव आयोग के माध्यम से घुसपैठियों को मतदान प्रक्रिया से दूर रहने की सार्वजनिक चेतावनी जारी की जाए।
   - इस चेतावनी में यह स्पष्ट हो कि यदि वे मतदान केंद्रों पर पाए गए तो उन्हें तुरंत गिरफ्तार किया जाएगा।

2. सर्च ऑपरेशन: 
   - 19 नवंबर की शाम को संभावित घुसपैठियों के क्षेत्रों में पुलिस द्वारा छापे और जांच अभियान चलाया जाए।
   - अवैध निवासियों को तुरंत गिरफ्तार कर उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाए।

3. मतदान के दिन की कार्रवाई: 
   - 20 नवंबर को संवेदनशील विधानसभा क्षेत्रों में अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया जाए।
   - मतदान केंद्रों पर आने वाले संदिग्ध घुसपैठियों को तुरंत गिरफ्तार किया जाए।

4. मीडिया और सोशल मीडिया प्रचार: 
   - इस कार्रवाई की जानकारी मीडिया और सोशल मीडिया पर व्यापक रूप से प्रकाशित की जाए।
   - इससे घुसपैठियों में भय उत्पन्न होगा और वे चुनावी प्रक्रिया को हाइजैक करने का षड्यंत्र नहीं कर पाएंगे।

सिविल सोसाइटी ऑफ महाराष्ट्र के प्रमुख कार्यकर्ता डॉ. श्री सुरेश चव्हाणके ने महाराष्ट्र के नागरिकों से अपील की है कि वे लोकतंत्र की रक्षा के लिए सतर्क रहें और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की जानकारी तुरंत पुलिस को दें। महाराष्ट्र के सौ से अधिक विधानसभा क्षेत्रों की जानकारी, गुप्त सूचनाएं और एआई (Artificial Intelligence) का उपयोग करके एकत्रित डेटा, जिसमें एक से अधिक स्थानों पर मतदान पंजीकरण की जानकारी है, आपको प्रदान की जा रही है।

घुसपैठियों के खिलाफ तुरंत कड़ी कार्रवाई नहीं की गई तो महाराष्ट्र की चुनाव प्रक्रिया गंभीर रूप से प्रभावित होगी। उन्होंने राज्य के प्रशासन से अनुरोध है कि इस मामले में त्वरित कदम उठाते हुए घुसपैठियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करें।

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