आर जी कार प्रसंग पर जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती जी महाराज ने व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि, पहले भी बहुत कुछ कहा जा चुका है कि ऐसी घटना कभी भी वांछनीय नहीं है लेकिन उनका मानना है कि इस घटना पर त्वरित कार्रवाई करने की जरूरत थी । उन्होंने कहा कि ऐसी घटना घटित होनी भी गलत है और घटना घटित होने के बाद उसे छिपाना या प्रमाण को सबूत को मिटाना भी सबसे बड़ी भूल है। ऐसी घटनाओं को कभी भी स्वीकार नहीं किया जा सकता। न्याय का शासन स्थापित करना जरूरी है ताकि लोग समझें कि शासन कायम है, अन्यथा सरकार चाहे कितनी भी मजबूत क्यों न हो गिर जाती है।
जब लोगों को एहसास होता है कि कोई लेना-देना नहीं है। चाहे वह ममता बनर्जी की सरकार ही क्यों न हो। इस बारे में ममता बनर्जी सरकार को गंभीरता से सोचना चाहिए। वहीं दूसरी ओर, जगतगुरु शंकराचार्य जी ने गाय को राष्ट्रमाता घोषित नहीं करने पर पूर्व और वर्तमान केंद्र की दोनों सरकार के खिलाफ आक्रोश व्यक्त किया।
महालय के दिन दुर्गा पूजा मंडप का उद्घाटन करने पर जगतगुरु शंकराचार्य ने ममता बनर्जी का नाम लिए बिना कटाक्ष किया। कई लोग राजनीतिक कारणों से ऐसा कर रहे हैं, जो कि नियमानुसार होना चाहिए। इसके अलावा उन्होंने कहा कि गाय को दिए जाने वाले पशु के दर्जे को हटाकर उसे राष्ट्र गौमाता का दर्जा दिया जाना चाहिए, इसीलिए उन्होंने अयोध्या से शुरुआत की और विभिन्न प्रांतों का अब तक दौरा किया।
उन्होंने कहा कि बहुत पहले कांग्रेस की सरकार थी, लेकिन गौमाता को दर्जा नहीं मिलसका, फिर गठबंधन की सरकार आई और वह भी नहीं दे सकी. अब बीजेपी की सरकार है पर वह भी अब इस मुद्दे पर पिछे हैं। अगर उन्होंने गंभीरता से कुछ नहीं किया तो उनका समय आ जाएगा। उन्होंने कहा कि शहर से गायो को हटा दी गईं है, उन्हें तड़ीपार घोषित किया गया है, इस तरह की सजा उन अपराधीयो को दिया जाता है जिसके समाज में रहने से कोई अहित हो, गाय की क्या अपराध है हमें बताएं अन्यथा हम इसे स्वीकार नहीं करेंगे।
उन्होंने कहा कि हम कह रहे हैं कि भारतीय संविधान के मुताबिक गाय का सम्मान होना चाहिए। संविधान का पालन नहीं किया जा रहा है देश को संविधान से चलाया जाता है और इस तरह से संविधान का उल्लंघन किया जा रहा है. हालाँकि, अशोक स्तंभ पर बिशप का निशान आज भी है। लेकिन जिस तरह से गोमांस को टुकड़ों में काटकर यहां से तस्करी की जा रही है, उसे स्वीकार नहीं किया जा सकता। बंगाल से तो जीवित गायों की तस्करी बांग्लादेश की जाती है। जगद्गुरु शंकराचार्य ने और कई सारी बातें कही।वह आज हावड़ा के रामराजताल इलाके में स्थित शंकर मठ में उपस्थित हुए थे और वहां भक्तिभाव के साथ गौ ध्वज स्थापित किया गया।