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योगी राज में लव जिहाद बिल पास...अब सीधे होगी उम्रकैद की सजा

योगी राज में आज यानी मंगलवार को उत्तर प्रदेश विधानसभा में लव जिहाज से जुड़ा बिल पास हो गया है.

Sumant Kashyap
  • Jul 30 2024 7:31PM
योगी राज में आज यानी मंगलवार को उत्तर प्रदेश विधानसभा में लव जिहाज से जुड़ा बिल पास हो गया है. दरअसल, इस विधेयक में जबरन धर्मांतरण और लव जिहाद पर उम्र कैद का प्रावधान है. इस कानून में कई अपराधों की सजा बढ़ाकर दोगुनी कर दी गई है. लव जिहाद के तहत कई नए अपराध भी इसमें जोड़े गए हैं.

जानकारी के अनुसार, छल-कपट या बलपूर्वक कराए गए मतांतरण के मामलों में कानून और सख्त होगा. अब किसी महिला को अपने जाल में फंसाकर मतांतरण कराकर उत्पीड़न की घटना यानी 'लव जिहाद' के दोषियों को पहली बार उम्रकैद तक की सजा होगी. अवैध मतांतरण की गंभीर घटनाओं की रोकथाम के लिए सरकार ने कानून का दायरा और सजा की अवधि बढ़ाई है.

1. नए कानून में दोषी पाए जाने पर 20 साल की कैद या आजीवन कारावास का प्रावधान है.

2. इसमें सभी अपराधों को गैर-जमानती बनाया गया है.

 3. अब कोई भी व्यक्ति धर्मांतरण के मामलों में एफआईआर दर्ज करा सकता है. 

4. लव जिहाद के मामले में सरकारी वकील को मौका दिए बिना जमानत याचिका पर विचार नहीं किया जाएगा. 

5. पहले मामले में सूचना या शिकायत देने के लिए पीड़ित, माता-पिता या भाई-बहन की मौजूदगी जरूरी थी.

 6. लव जिहाद के मामलों की सुनवाई सत्र न्यायालय से नीचे की कोई अदालत नहीं करेगी. 

जानकारी के अनुसार, इस विधेयक में विधि विरुद्ध धर्म परिवर्तन के लिए फंडिंग को भी कानून के तहत अपराध के दायरे में लाने की तैयारी है. बता दें कि लव जिहाद के खिलाफ 2020 में उत्तर प्रदेस की योगी सरकार ने पहला कानून बनाया था जिसे और कड़ा करने का अध्यादेश कल सदन में पेश किया गया है. इसे आज यानी 30 जुलाई को पेश किया गया है.

बता दें कि अब अगर यूपी में गुमराह करके शादी करने और अनुसूचित जाति व जनजाति के धर्म परिवर्तन के लगातार बढ़ते मामलों को देखते हुए राज्य के योगी सरकार ने यह फैसला किया है. इसके अंतर्गत अब उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिशेध संशोधन विधेयक को राज्य सरकार विधानसभा व विधान परिषद से पास करने का काम करेगी.

वहीं, योगी सरकार ने इससे पहले विधानसभा में धर्म संपरिवर्तन प्रतिशेध विधेयक 2021 पारित किया था जिसमें विधेयक में 1 से 10 साल तक की सजा का प्रावधान किया गया था. अब संशोधन के माध्यम से पिछले विधेयक को सजा और जुर्माना की दृष्टि से अब और मजबूत और कड़ा करने की राज्य सरकार ने पहल की है. 

बता दें कि नए प्रावधानों के अनुसार यदि किसी नाबालिक दिव्यांग अथवा मानसिक रूप से दुर्बल व्यक्ति, महिला एससी एसटी का धर्म परिवर्तन कराया जाता है तो दोष सिद्ध होने पर उसे आजीवन कारावास और एक लाख रुपए जुर्माने से दंडित किए जाने का प्रावधान रखा गया है. इसी प्रकार सामूहिक धर्म परिवर्तन पर भी आजीवन कारावास और एक लाख रुपये जमाने की सजा का प्रावधान इस नए संशोधन विधेयक में किया गया है. 

योगी सरकार के नए प्रस्तावित विधेयक में बहला फुसलाकर शादी करने और नाबालिक एससी-एसटी का धर्म परिवर्तन करने पर उम्र कैद के प्रावधान वाला विधायक विधानसभा में पेश किया गया है जिसे आज विधानसभा के दोनों सदनों यानी विधानसभा और विधान परिषद में पारित कराया जाएगा. दोनों सदनों से यह विधेयक पास होने के बाद इसे राज्यपाल और फिर राष्ट्रपति के पास भेजा जाएगा.

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