आज रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मेजर रालेंगनाओ बॉब खाथिंग को समर्पित वीरता संग्रहालय का उद्घाटन किया। साथ ही, उन्होंने भारत रत्न सरदार वल्लभभाई पटेल की एक प्रतिमा का भी अनावरण किया। इस दौरान, राजनाथ सिंह ने कहा कि सरदार पटेल ने देश के एकीकरण में अपनी बड़ी भूमिका निभाई है।
डिजिटल उद्घाटन का विशेष अवसर
राजनाथ सिंह अरुणाचल प्रदेश के तवांग जिले की यात्रा पर जाने वाले थे, लेकिन खराब मौसम के कारण यात्रा रद्द हो गई। इस स्थिति में, उन्होंने असम के तेजपुर से डिजिटल माध्यम से सरदार पटेल की प्रतिमा और संग्रहालय का उद्घाटन किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा, "यह देश अनेक नामचीन और अनाम सपूतों का ऋणी है।"
बलिदान और सम्मान की आवश्यकता
राजनाथ सिंह ने अपने भाषण में बलिदान और उनके महत्व को याद करने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा, "हमारा कर्तव्य है कि हम उनके बलिदानों को याद करें और उन्हें उचित सम्मान दें। आज हमने इन दो स्थानों को राष्ट्र को समर्पित किया है।"
मेजर खाथिंग का योगदान
रक्षा मंत्री ने मेजर बॉब खाथिंग के योगदान की सराहना की, जो तवांग को बिना किसी हिंसा के भारत में शामिल करने में सफल रहे। उन्होंने बताया कि कैसे खाथिंग ने विद्रोह को खत्म करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। "मेजर खाथिंग का योगदान सिर्फ अरुणाचल और नागालैंड तक ही सीमित नहीं रहा, बल्कि उनका मणिपुर से भी गहरा नाता था," राजनाथ सिंह ने कहा।
मणिपुर के वीर का सम्मान
मेजर खाथिंग मणिपुर के पहले आदिवासी ग्रेजुएट थे और द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान जापानी आक्रमण से मणिपुर को बचाने के लिए उन्होंने वीरता दिखाई। उनका योगदान उत्तर पूर्व के विभिन्न क्षेत्रों में गहराई से जुड़ा हुआ है।