उत्तर प्रदेश सरकार ने मंगलवार रात महाकुंभ मेला क्षेत्र में हुई भगदड़ की घटना के 18 घंटे बाद बुधवार शाम को आधिकारिक बयान जारी किया। मेला अधिकारी और कुंभ डीआईजी वैभव कृष्ण ने प्रेस कांफ्रेंस में इस हादसे के बारे में पूरी जानकारी दी। डीआईजी ने बताया कि रात एक से डेढ़ बजे के बीच अचानक बैरीकेडिंग टूट गई, जिसके बाद लोग दूसरे हिस्से में जाने के लिए फांदने लगे। इस दौरान, स्नान करने के लिए सो रहे लोगों को कुचलते हुए लोग आगे बढ़ते गए। इस दर्दनाक हादसे में 30 लोगों की मौत हो गई और 90 लोग घायल हुए। इनमें से 25 मृतकों की पहचान कर ली गई है।
प्रशासन ने भ्रामक खबरों का खंडन किया
कुंभ मेला प्रशासन ने साफ किया कि मौनी अमावस्या के दिन मेला क्षेत्र में कोई विशेष प्रोटोकॉल जारी नहीं किया गया था, और सोशल मीडिया पर जो भ्रामक खबरें फैलाई जा रही हैं, उन्हें सिरे से नकारा गया है। प्रशासन ने बताया कि बैरीकेडिंग टूटने के बाद श्रद्धालुओं ने सो रहे लोगों को कुचलते हुए निकलना शुरू किया, जिससे यह भयंकर हादसा हुआ।
मृतकों में कर्नाटक, असम और गुजरात के लोग भी शामिल हैं, जिनमें से एक कर्नाटक से, एक असम से और एक गुजरात से था। हालांकि, घायलों को किस अस्पताल में भर्ती किया गया है, इसकी जानकारी फिलहाल प्रशासन ने साझा नहीं की है। इसके अलावा, प्रशासन ने मृतकों और घायलों की सहायता के लिए हेल्पलाइन नंबर 1920 जारी किया है।
बलिया के दो लोगों की भी हुई मौत
प्रयागराज में हुए इस भगदड़ में बलिया जिले के चार लोगों की मौत की खबर भी सामने आई है। इनमें फेफना थाना क्षेत्र के नसीराबाद गांव की 35 वर्षीय रीना देवी और उनकी 12 वर्षीय बेटी रोशनी की भी जान चली गई। नगरा थाना क्षेत्र की 55 वर्षीय मीरा और 40 वर्षीय रिंकी सिंह भी इस दुर्घटना का शिकार हुईं।