उत्तराखंड के देहरादून स्थित मिलिटरी अस्पताल में शनिवार को ब्रिगेडियर संजय मिश्रा के नेतृत्व में विशेषज्ञों की टीम द्वारा पूर्व सैनिकों और उनके आश्रितों के लिए एक उन्नत सर्जिकल और स्क्रीनिंग नेत्र शिविर का आयोजन किया गया। इस शिविर में अत्याधुनिक सर्जिकल उपकरणों और उच्च गुणवत्ता वाले इंट्राओकुलर लेंस का उपयोग किया गया।
सर्जरी और उपचार की प्रक्रिया
इस शिविर में मोतियाबिंद, ग्लूकोमा और विभिन्न रेटिना संबंधित विकारों के लिए सर्जरी की गई। लगभग 250 मरीजों की सफल सर्जरी की गई, वहीं 885 मरीजों का नेत्र परीक्षण किया गया। इसके साथ ही इन मरीजों को मुफ्त दवाइयां और चश्मे भी वितरित किए गए।
सेना की परंपरा और सेवा की भावना
यह सर्जिकल शिविर भारतीय सेना की यह भावना दर्शाता है कि सेना अपने सैनिकों और उनके परिवारों की देखभाल के लिए हमेशा तत्पर रहती है, चाहे वे सक्रिय सेवा में हों या सेवानिवृत्त हो चुके हों। यह आयोजन भारतीय सशस्त्र बल चिकित्सा सेवा (AFMS) की उच्च मानकों और मानवता की सेवा के प्रति उनके प्रतिबद्धता का प्रतीक है।
समाज के लिए एक आदर्श उदाहरण
इस शिविर ने यह भी सिद्ध किया कि भारतीय सेना और AFMS की टीम हमेशा समाज की भलाई और चिकित्सा सेवा के प्रति अपनी जिम्मेदारी निभाती है, और इस तरह के आयोजनों से लोगों को स्वास्थ्य लाभ प्रदान किया जाता है।